India News (इंडिया न्यूज), India Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जिससे पाकिस्तान तिलमिलाया है। वह लगातार रो रहा है कि भारत उस पर कभी भी हमला कर सकता है। भारत के संभावित हमले से घबराए पाकिस्तान ने अपनी व्यथा सुनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाई थी। बंद कमरे में हुई इस बैठक में उसका दोस्त चीन भी मौजूद था। पाकिस्तान को लगा था कि उसे दुनिया के देशों की सहानुभूति मिलेगी, लेकिन हुआ इसके ठीक उलट।

बैठक में पाकिस्तान से पहलगाम हमले को लेकर तीखे सवाल पूछे गए और इस दौरान उसका दोस्त चीन भी उसके साथ खड़ा नजर नहीं आया। चीनी मीडिया भी पाकिस्तान के समर्थन में एक शब्द नहीं लिख रहा है।

मुलाकात के बाद भी चीन की अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुप्पी

चीन का नाम लेकर पाकिस्तान उछल-कूद कर रहा है और वहां का मीडिया भी लगातार लिख रहा है कि भारत से तनाव के बीच चीन पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा है। सोमवार को पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जरदारी ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान जेडॉन्ग ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए चीन हमेशा पाकिस्तान का साथ देगा।

पाकिस्तान के सरकारी प्रसारक रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, चीनी राजदूत ने चीन और पाकिस्तान के बीच स्थायी और समय-परीक्षणित दोस्ती की बात की है। दोनों देशों के बीच के रिश्ते को भाइयों के बीच एक मजबूत रिश्ता बताया गया है, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है।

लेकिन एक तरफ जहां चीन द्विपक्षीय बैठकों में पाकिस्तान का साथ देने की बात कर रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के साथ खड़े होने से भी बचता नजर आ रहा है। यूएनएससी की बैठक में किसी भी देश ने पाकिस्तान के साथ सहानुभूति नहीं जताई, इसके विपरीत पाकिस्तान को शर्मसार होना पड़ा, जहां चीन ने भी उसके समर्थन में कुछ नहीं कहा।

बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान सदस्य देशों ने पाकिस्तान द्वारा भारत के बारे में फैलाई जा रही झूठी बातों को खारिज किया। बैठक के दौरान यूएनएससी के कुछ देशों ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों और भारत को परमाणु हथियार दिए जाने की धमकी पर भी सवाल उठाए। सदस्य देशों ने इसे पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई बताया। बैठक के बाद किसी भी देश ने इस पर कोई बयान नहीं दिया और न ही कोई प्रस्ताव सामने आया है।

चीनी मीडिया से भी चीनी समर्थन की खबरें गायब

चीनी मीडिया में भारत-पाकिस्तान तनाव की कुछ खबरें आई हैं, लेकिन कहीं भी चीन द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने का जिक्र नहीं है। चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने पहलगाम हमले के बाद से कुछ रिपोर्ट प्रकाशित की हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का ही जिक्र है। ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ के हवाले से लिखा है कि ‘कश्मीर में हमले के बाद कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है, जिसके बाद संघर्ष की संभावना बढ़ गई है।’

ग्लोबल टाइम्स आगे लिखता है, ‘समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, भारत ने कश्मीर हमले को तुरंत आतंकवादी हमला करार दिया और पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस हमले के तार सीमा पार से जुड़े हैं। पाकिस्तान ने हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।’

28 अप्रैल को प्रकाशित ग्लोबल टाइम्स की एक अन्य रिपोर्ट में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और विभिन्न देशों द्वारा संयम बरतने की अपील का जिक्र है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से अखबार ने लिखा है कि हमले के बाद कश्मीर सीमा पर दोनों देशों के बीच हल्की गोलीबारी देखी गई। तनावपूर्ण स्थिति पर दुनिया के देशों की नजर है और देश दोनों पक्षों से संयम बरतने को कह रहे हैं।

निर्दोष पर्यटकों पर भीषण हमला

ग्लोबल टाइम्स लिखता है, ‘पहलगाम हमला निर्दोष पर्यटकों पर भीषण हमला था जो अस्वीकार्य है। लेकिन हमला किसने और क्यों किया, इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है जिसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।’

अखबार ने हालांकि यह जरूर लिखा है कि जल्द से जल्द पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि हमले की सच्चाई सामने आ सके।

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चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी भारत-पाकिस्तान तनाव पर कुछ खबरें प्रकाशित की हैं। एक लेख में भारत-पाकिस्तान व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध की खबर है। रविवार 6 मई को प्रकाशित खबर में शिन्हुआ लिखता है, ‘भारत ने शनिवार को पाकिस्तान से सभी तरह के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और लोगों के हित में लिया गया।’

ऐसी खबरें प्रकाशित करने के अलावा चीनी अखबारों ने पाकिस्तान के समर्थन में कुछ नहीं लिखा या इस बात का जिक्र नहीं किया कि चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खड़ा है।

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