India News (इंडिया न्यूज),Pakistan: इस समय दुनिया के हिस्सें जंग की आग में जल रहे हैं। जिसकी लव अब भारत के पड़ोसी देश तक पहुंच चुकी है। भारत के दो पड़ोसी देश इस समय बड़े जंग के कागार पर हैं। ये दोनों पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं। बता दें पाकिस्तान के अफगानिस्तान पर हवाई हमले करने के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते बद से बदतर हो गए हैं। तालिबान ने हवाई हमलों की बदला लेने की कसम खाई है। अब दोनों देशों के बीच की सीमा डूरंड रेखा पर कई दिनों से उथल-पुथल मची हुई है। डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी सेना और तालिबान लड़ाकों के बीच भीषण युद्ध चल रहा है।
कई टुकड़ो में बट सकता है पाक
पाकिस्तान के दो टुकड़े हो सकते हैं। पड़ोसी देश की बिखरने की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि पाकिस्तान आर्मी को एक साथ दो दो मोर्चे पर जंग का सामना करना पड़ा सकता है। बता दें कि तालिबान जहां पाकिस्तान के अंदर घुसकर मुनीर की सेना की चौकी पर हमले कर रहा है वहीं बलूचिस्तान के क्रांतिकारियों ने भी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जहां एक तरफ खैबर पख्तूनख्वा में तालिबान का कब्जा अभियान तेज हो गया है, वहीं बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले हो रहे हैं। सवाल यह है कि पाकिस्तान के खिलाफ खोले गए दो मोर्चों का नतीजा क्या होगा?
पाकिस्तान में अंदर घुस कर मचाई तबाही
जब पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान की धरती पर मिसाइल हमले किए, तो अफगानिस्तान बेकाबू हो गया। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक नई और बड़ी जंग शुरू कर दी है। तालिबान लड़ाके न सिर्फ पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान के दो प्रांतों में भी अंदर तक घुस आए हैं।
कहर बरपा रहे हैं तालिबान के लड़ाके
अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के दो प्रांतों बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में तालिबान के लड़ाके कहर बरपा रहे हैं। ज्यादातर हमले खैबर पख्तूनख्वा के वजीरिस्तान में हो रहे हैं। तालिबान ने पाकिस्तान पर कब्जे के लिए अपना अभियान भी तेज कर दिया है। इस बार पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले में 20 तालिबान लड़ाके मारे गए।
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने तालिबान की 6 चौकियों को तबाह कर दिया है। जबकि 40 चौकियों पर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी सेना के इस हवाई हमले से बौखलाए तालिबान ने पूरी तरह से लड़ाई शुरू कर दी है। तालिबान ने दक्षिणी वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना की एक चौकी को तबाह कर दिया। तालिबान के हमले में 3 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। पाकिस्तानी सेना की 17 चौकियों पर भी कब्जा कर लिया गया है।
कई गांवों पर किया कब्जा
तालिबान ने वजीरिस्तान के कई गांवों पर भी कब्जा कर लिया है। खैबर पख्तूनख्वा के टैंक जिले में तालिबान ने कार बम से पाकिस्तानी सेना की एक चौकी को उड़ा दिया। हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। तालिबान ने खैबर पख्तूनख्वा के खुर्रम जिले में भी कई हमले किए। तालिबान ने खैबर पख्तूनख्वा ही नहीं बल्कि बलूचिस्तान पर भी अपने हमले तेज कर दिए हैं।
तालिबान को मिल रहा है इस संगठन का समर्थन
तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान संगठन का समर्थन मिल रहा है। दूसरी तरफ बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने भी बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बलूचिस्तान के टैंप इलाके में बीएलएफ ने पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया। इस धमाके में कई पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गए। साफ है कि पाकिस्तान के खिलाफ दो मोर्चों पर जंग छिड़ गई है। एक तालिबान के खिलाफ और दूसरा उसके अपने घर यानी बलूचिस्तान में।
कैसे शुरु हुई जंग ?
दरअसल, 22 दिसंबर को तालिबान समर्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान के वजीरिस्तान पर हमला किया था। टीटीपी के हमले में 16 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए थे।
जवाब में पाकिस्तानी वायुसेना ने 24 दिसंबर को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमला किया। पाकिस्तान के हवाई हमले में 46 लोग मारे गए। अफगानिस्तान का आरोप है कि इस हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर नागरिक हैं, जिनमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। अफगानिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया और इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का गठन 2007 में हुआ था। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सेना से लड़ना और पाकिस्तानी शासन को उखाड़ फेंकना है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना है। इसे अफगानिस्तान के तालिबान का समर्थन प्राप्त है। यह अफगानिस्तान की धरती से काम करता है।
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