India News (इंडिया न्यूज), India Russia Relation: रूस ने भारत को R-37M मिसाइल की पेशकश की है। यह दुनिया की सबसे बेहतरीन हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक है। इसकी जगह भारतीय वायुसेना की पुरानी R-77 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल लेगी। भारत ने भी रूस से R-77 मिसाइल खरीदी है। यह मिसाइल फिलहाल भारतीय वायुसेना के सुखोई Su-30MKI लड़ाकू विमान का मुख्य हथियार है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रूस ने भारत को R-37M मिसाइल के उत्पादन का लाइसेंस भी दिया है। इससे भारत में इस मिसाइल के उत्पादन का रास्ता साफ हो जाएगा। अगर यह डील हो जाती है तो भारतीय वायुसेना की क्षमताएं काफी बढ़ जाएंगी।

R-37M मिसाइल में क्या खासियत है?

R-37M मिसाइल का NATO रिपोर्टिंग नाम AA-13 एक्सहेड है। यह रूस द्वारा विकसित लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसका उद्देश्य दुश्मन के लड़ाकू विमानों और ड्रोन को दृश्य सीमा [BVR] से परे मार गिराना है। इसे पुरानी R-33 मिसाइल से विकसित किया गया है। यह मिसाइल इतनी खतरनाक है कि इसे दुश्मन के AWACS, टैंकर विमान और अन्य सहायक प्लेटफॉर्म जैसे उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। मिसाइल की दृश्य सीमा से परे भी लड़ाकू विमानों को दुश्मन की सीमा से बाहर रहने में मदद करती है।

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300 से 400 किलोमीटर है इस मिसाइल की रेंज

R-37M मिसाइल में अपने पूर्ववर्ती R-37 की तुलना में कई महत्वपूर्ण उन्नयन हुए हैं। R-37M मिसाइल की रेंज, गति और मार्गदर्शन प्रणाली को काफी मजबूत किया गया है। इसमें एक जेटिसनबल रॉकेट बूस्टर है जो इसे 300 से 400 किलोमीटर (160-220 समुद्री मील) की दूरी पर स्थित दुश्मनों को मार गिराने में मदद करता है। यही कारण है कि यह वर्तमान में कमीशन की गई दुनिया की सबसे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक है।

क्या है इसमें खास?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, R-37M मिसाइल मैक 6 की गति तक पहुंच सकती है, जो इसे एक हाइपरसोनिक हथियार बनाती है। इससे यह मिसाइल तेजी से उड़ने वाले हवाई लक्ष्यों को भी मार गिराने में सफल होती है। इस मिसाइल का डिजाइन बेलनाकार है, जिसमें ऑगिव फेयरिंग है। इसका वजन करीब 510 किलोग्राम है और यह 4 मीटर से ज्यादा लंबी है, जिसमें 60 किलोग्राम वजन का वारहेड है। आर-37एम का गाइडेंस सिस्टम जड़त्वीय नेविगेशन के साथ-साथ बीच रास्ते में लक्ष्य बदलने की सुविधा देता है।

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पाकिस्तान की एफ-16 मिसाइल का होगा अंत

बताया जा रहा है कि, आर-37एम मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकती है। पाकिस्तानी वायुसेना अपनी हवाई ताकत के लिए पूरी तरह से एफ-16 लड़ाकू विमानों पर निर्भर है। इसे पाकिस्तानी वायुसेना का सबसे उन्नत विमान भी माना जाता है। ऐसे में रूसी आर-37एम मिसाइल एलओसी के दूसरी तरफ से पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमानों को आसानी से निशाना बना सकती है। इसके लिए भारतीय लड़ाकू विमानों को सीमा पार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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