India News (इंडिया न्यूज),PM Modi met Yunus:भारत और बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ बैठक की – पिछले साल अगस्त में शेख हसीना शासन के हटने के बाद यह पहली बैठक थी। सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस और पीएम मोदी के बीच बैठक की मांग की थी।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठने से पहले एक दूसरे से हाथ मिलाया, जैसा कि तस्वीरों में दिखाया गया है। गुरुवार रात बिम्सटेक नेताओं के रात्रिभोज में मोदी और यूनुस एक-दूसरे के बगल में बैठे देखे गए, जिससे दोनों के अलग होने की चर्चा तेज हो गई।
मोदी से मिलने की कोशिश कर रहे थे यूनुस
हालांकि, यूनुस लगातार मोदी से मिलने की कोशिश कर रहे थे। हाल ही में यूनुस के मीडिया सलाहकार ने कहा था कि कई कोशिशों के बावजूद उन्हें पीएम मोदी से मिलने का समय नहीं मिल पा रहा है। यूनुस मुख्य सलाहकार बनने के बाद सबसे पहले भारत आने वाले थे, लेकिन भारत सरकार ने इसे हरी झंडी नहीं दी।
दोनों देशों के बीच कड़वाहट जारी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद यूनुस को मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। तब से दोनों देशों के बीच कड़वाहट जारी है। यूनुस के कार्यकाल में बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। वहीं, यूनुस की सरकार लगातार भारत विरोधी फैसले ले रही है। हाल ही में चीन दौरे के दौरान यूनुस ने चिकन नेक पर सवाल उठाए थे। यूनुस ने कहा था कि चीन को भारत के चिकन नेक पर कब्जा कर लेना चाहिए, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था। भारत के विरोध को देखते हुए यूनुस भी बैकफुट पर आ गए। आखिर में बांग्लादेश सरकार ने सफाई पेश की। सरकार ने कहा कि यूनुस के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
दोनों के बीच कड़वाहट क्यों है?
बांग्लादेश को आजाद कराने में भारत ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में 45 साल बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते कैसे खराब हो गए? यह सवाल है। दरअसल, शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि शेख हसीना भारत में हैं और भारत उन्हें वापस देने को तैयार नहीं है। शेख हसीना पर बांग्लादेश में नरसंहार का आरोप है।
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