India News (इंडिया न्यूज), Military Drone: मिलिट्री ड्रोन, जिन्हें मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में भी जाना जाता है, मानवरहित उड़ान वाले विमान हैं जिनका इस्तेमाल सैन्य अभियानों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इन ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, सर्वेक्षण, खुफिया जानकारी जुटाने और कुछ मामलों में हमलों के लिए भी किया जाता है। अमेरिका, चीन और इजरायल जैसे ताकतवर देशों के पास कौन-कौन से मिलिट्री ड्रोन है। आइये इसके बारे में जानते हैं। MQ-9 रीपर एक अमेरिकी ड्रोन है, जिसका इस्तेमाल ISR (खुफिया, निगरानी और टोही) और स्ट्राइक मिशन के लिए किया जाता है। यह उच्च ऊंचाई पर उड़ सकता है और लंबी दूरी तक निगरानी कर सकता है। इसमें मिसाइल और बम लोड करने की क्षमता है। भारत इस ड्रोन को अमेरिका से खरीद रहा है।
चीन के पास है ये मिलिट्री ड्रोन
CH-5 एक चीनी ड्रोन है, जिसे उच्च-स्तरीय निगरानी और सटीक मार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें मिसाइल और बम लोड करने की क्षमता है और यह लंबी दूरी तक उड़ सकता है। इजरायल का हेरॉन टीपी ड्रोन ऊँचाई से लंबी दूरी की निगरानी के लिए मशहूर है। इसका इस्तेमाल जासूसी, संचार और मिसाइल हमलों के लिए किया जाता है। इसकी लंबी उड़ान क्षमता और उच्च भार वहन क्षमता इसे खास बनाती है। एमक्यू-1 प्रीडेटर एक हल्का, लेकिन प्रभावी ड्रोन है, जिसका इस्तेमाल युद्ध क्षेत्रों में निगरानी और हमले के लिए किया जाता है। यह अब थोड़ा पुराना हो गया है। लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व और प्रभाव बहुत बड़ा रहा है।
इस मुस्लिम देश के पास भी है मिलिट्री ड्रोन
बायरकटर टीबी2 एक तुर्की ड्रोन है, जिसे सटीक हमलों और निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस ड्रोन ने हाल के वर्षों में कई संघर्ष क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता साबित की है और यह हल्के हमलों के लिए उपयुक्त है। टारनिस एक ब्रिटिश ड्रोन है, जिसे स्टील्थ तकनीक से विकसित किया गया है। इसका इस्तेमाल उच्च-स्तरीय निगरानी और सटीक हमलों के लिए किया जा सकता है। इसका डिज़ाइन इसे रडार से बचने में सक्षम बनाता है। वॉचकीपर WK450 एक ब्रिटिश ड्रोन है जिसका उपयोग निगरानी और वास्तविक समय की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए किया जाता है। यह उच्च ऊंचाई से प्रभावी निगरानी प्रदान करता है और सुरक्षा संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत के पास मौजूद मिलिट्री ड्रोन
भारतीय सेना के पास करीब 50 इजरायली हेरॉन मार्क-I, मार्क-II और सर्चर-II MALE (मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस) ड्रोन हैं। चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच, सेना ने LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर निगरानी बढ़ाने के लिए चार नए हेरॉन मार्क-II ड्रोन शामिल किए हैं। हालाँकि वायु सेना और नौसेना के पास अपने ड्रोन हैं, लेकिन तीनों सेवाओं को कम से कम 150 नए MALE ड्रोन की आवश्यकता है।