India News (इंडिया न्यूज), India France Relations: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (10 फरवरी, 2025) को फ्रांस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचें। वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे, जो पेरिस के ग्रैंड पैलेस में आयोजित किया जाएगा। इस समिट का उद्देश्य वैश्विक नवाचार, एआई सुरक्षा और नीति-निर्माण पर चर्चा करना है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, फ्रांस भारत का एक प्रमुख रक्षा साझेदार है। दोनों देश 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए बातचीत कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह सौदा अंतिम चरण में है और जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
अमेरिका जाएंगे पीएम मोदी
फ्रांस की अपनी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे। प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा न केवल एआई और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को एक नई दिशा भी देगी। मार्सिले में नया वाणिज्य दूतावास और रक्षा सौदों पर अंतिम वार्ता इस यात्रा के महत्वपूर्ण बिंदु हैं। इसके बाद, उनकी अमेरिकी यात्रा के दौरान ट्रम्प के साथ उनकी मुलाकात भारत की वैश्विक रणनीतिक भूमिका को और मजबूत करेगी।
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क्या-क्या होंगे समझौते?
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सह-आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकी को विनियमित करने के लिए एक रूपरेखा स्थापित करना है, क्योंकि राष्ट्र इस क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एआई के उदय को “हमारे जीवनकाल का सबसे बड़ा बदलाव” बताया, जिसमें शुरू से ही समावेशी पहुंच सुनिश्चित करने के अवसर पर जोर दिया गया। इस बीच, विश्व व्यापार संगठन की प्रमुख नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने एआई के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिसमें डब्ल्यूटीओ के अनुमानों का हवाला दिया गया कि लगभग सार्वभौमिक एआई अपनाने से व्यापार में मौजूदा रुझानों से 14 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
विदेश सचिव ने दी ये जानकारी
इस यात्रा के महत्व को समझाते हुए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के भविष्य पर चर्चा करने और उसे आकार देने के लिए वैश्विक नेताओं के साथ शामिल होंगे।” इस शिखर सम्मेलन के अलावा, पीएम मोदी की यात्रा में कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ताएं भी शामिल हैं। पीएम मोदी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे, जहां दोनों नेता व्यापार, प्रौद्योगिकी और रणनीतिक साझेदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने हितों पर चर्चा करेंगे।
परमाणु ऊर्जा में महत्वपूर्ण साझेदार है भारत
ये चर्चाएं रिट्रिक्टेड और प्रतिनिधिमंडल स्तर दोनों प्रारूपों में होंगी। इसके अलावा, दोनों नेता मार्सिले में भारत के महावाणिज्य दूतावास का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे। परमाणु ऊर्जा में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा कैडारैचे की यात्रा के साथ समाप्त होगी, जिसे अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) के लिए जाना जाता है। यह स्वच्छ परमाणु संलयन ऊर्जा बनाने के उद्देश्य से एक प्रमुख भागीदार वैज्ञानिक परियोजना है, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
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