India News (इंडिया न्यूज),Narendra Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। वह 22 से 23 अक्टूबर 2024 तक रूस की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने रूस जा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आमंत्रित किया है। क्योंकि इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता रूस कर रहा है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कज़ान में ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय ‘वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है।

ब्रिक्स किताना महत्वपूर्ण ?

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सम्मेलन नेताओं को दुनिया के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन ब्रिक्स द्वारा शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन करेगा और भविष्य के सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक मूल्यवान अवसर भी प्रदान करेगा। शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय रूस में मौजूद कई देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों से मुलाकात करेंगे।

द्विपक्षीय वार्ता

जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात के बाद अक्टूबर में फिर से दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता तय की गई है। इसके अलावा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत की प्रबल संभावना है। वर्ष 2020 में गलवान मुद्दे के बाद पहली बार मोदी-जिनपिंग की मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी की विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान मोदी-जिनपिंग की संभावित मुलाकात की तैयारियों की समीक्षा की गई थी। पीएम मोदी के रूस के कज़ान में मौजूद कई अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करने की संभावना है।

इस बार का ब्रिक्स क्यों है खास

ब्रिक्स संगठन के विस्तार के बाद रूस में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को काफी अहम माना जा रहा है। रूस लगातार ब्रिक्स मुद्रा को लेकर बात कर रहा है। माना जा रहा है कि डॉलर को लेकर अमेरिका की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ब्रिक्स के सदस्य देश वैकल्पिक मुद्रा लेकर आ सकते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब रूस में इतना बड़ा आयोजन हो रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-मध्य पूर्व संघर्ष को देखते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों का दूरगामी असर होगा। पचास से ज्यादा देशों ने ब्रिक्स का सदस्य बनने की इच्छा जताई है। ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा शुरू किए गए इस संगठन में पांच नए सदस्य देश शामिल हुए हैं। इनमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात का नाम शामिल है। दुनिया की 45 फीसदी आबादी वाले इस संगठन की वैश्विक जीडीपी में 28 फीसदी हिस्सेदारी है।

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