India News (इंडिया न्यूज), India China Relations: हिंद महासागर में मछलियों की गतिविधियों पर नजर रखने और समुद्र से रासायनिक और भौतिक आंकड़े जुटाने के लिए उपकरण लगाने को लेकर मालदीव और चीन के बीच चर्चा चल रही है। दोनों देशों के बीच यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है, जब मालदीव में मछली पकड़ने का उद्योग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव के मत्स्य पालन और महासागर संसाधन मंत्री अहमद शियाम ने हाल ही में चीन के दूसरे समुद्र विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक में समुद्री शोध और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
चीन और मालदीव के बीच चल रही बातचीत
चीनी संस्थान के अधिकारियों ने मालदीव के पर्यटन, पर्यावरण और मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत की। हालांकि, मालदीव सरकार ने इन बैठकों की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है।यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब चीन का शोध जहाज ‘जियांग यांग होंग 03’ जनवरी 2024 में करीब एक महीने तक मालदीव के जलक्षेत्र में मौजूद था। भारत ने इस जहाज के आने पर चिंता जताई थी, क्योंकि मालदीव रणनीतिक रूप से भारत के करीब स्थित है।
रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव सरकार ने चीनी शोध उपकरणों की स्थापना के बारे में जानकारी नहीं दी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि ये उपकरण समुद्री पर्यावरण और मछली गतिविधियों पर डेटा एकत्र करेंगे। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मालदीव भारत के लक्षद्वीप से सिर्फ 70 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है और हिंद महासागर के व्यापार मार्गों के केंद्र में है। ऐसे में यहां चीनी शोध गतिविधियों का बढ़ना भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है।