India News (इंडिया न्यूज), Hindus Banned in Bangladesh Police: बांग्लादेश में हिंदू विरोधी गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार बांग्लादेश को हिंदू मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। अब गृह मंत्रालय और लोक सेवा आयोग ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार पुलिस के उच्च पदों, कांस्टेबल से लेकर वरिष्ठ पदों पर किसी भी हिंदू की नियुक्ति नहीं की जाएगी। इस आदेश के कारण 1500 से अधिक हिंदू उम्मीदवारों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।
79 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्तियां रद्द
जब से शेख हसीना सत्ता से बाहर हुई हैं, तब से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार काम हो रहा है। शुरुआत में सहायक पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और डीआईजी रैंक के सौ से अधिक हिंदू पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी जगह चरमपंथियों, खासकर जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों को नियुक्त करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही करीब 79 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्तियां रद्द की जा रही हैं। इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पिछले साल अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। अब अगली भर्ती प्रक्रिया अगले जनवरी से शुरू होगी।
किसी भी हिंदू की भर्ती न हो- बांग्लादेश
बांग्लादेश पुलिस के आईजीपी बहारुल आलम को निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी हिंदू को कांस्टेबल या असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त न करें। उन्हें आदेश दिया गया है कि वह किसी भी हिंदू की भर्ती न करें, भले ही वह योग्य हो। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी हिंदू बांग्लादेश सिविल सेवा परीक्षा पास न कर पाए।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। सबसे पहले धार्मिक स्थलों और उनके प्रतिष्ठानों पर हमला किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। शेख हसीना के बाद से कई हिंदुओं की जान जा चुकी है। पीएम यूनुस ने इस मामले में सुधार की बात कही थी। लेकिन सुधार की बजाय हालात और खराब होते जा रहे हैं।
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