India News (इंडिया न्यूज), PoJK Terrorism: POK हमेशा से ही पाकिस्तान की नापाक हरकतों का गढ़ रहा है। उसी पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के रावलकोट में एक बार फिर भारत विरोधी आतंकी साजिश सामने आई है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जम्मू कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट (जेकेयूएम) के आतंकियों ने वहां एक बैठक आयोजित की। यहां भारत के खिलाफ जहर उगला गया। यह बैठक मारे गए आतंकी आकिफ हलीम की याद में आयोजित की गई थी। इस आतंकी को भारतीय सुरक्षा बलों ने 17 मार्च 2025 को कुपवाड़ा में मार गिराया था।
इस रैली के दौरान लश्कर कमांडर अबू मूसा ने मंच से भारत के खिलाफ हिंसा की खुली धमकी दी। उसने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिहाद जारी रहेगा, बंदूकें गरजेंगी और सिर कलम होते रहेंगे। मूसा का यह बयान न सिर्फ भारत के खिलाफ जंग का खुला ऐलान है, बल्कि पाकिस्तान की छुपी आतंकी नीतियों को भी उजागर करता है।
पाकिस्तान में बुलंद हैं आतंकियों के हौसले
आतंकियों की यह रैली दुनिया को यह दिखाने के लिए काफी है कि पाकिस्तान अभी भी अपने कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों को खुला मंच दे रहा है। ऐसे समय में जब पाकिस्तान खुद आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव से जूझ रहा है, ऐसे आतंकी सम्मेलनों से पता चलता है कि उसकी नीति अभी भी आतंकवाद के सहारे कश्मीर को जिंदा रखने की है।
दुनिया ने फिर देखा पाकिस्तान का असली चेहरा
पाकिस्तान एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने शर्मिंदा हुआ है। एक तरफ वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को आतंकवाद से पीड़ित देश दिखाने की कोशिश करता है, वहीं दूसरी तरफ उसकी धरती पर आतंकियों का महिमामंडन करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत ने हमेशा ऐसे कार्यक्रमों और बयानों को गंभीरता से लिया है।
पाक सेना पर उठाए सवाल
इन बयानों के बाद अवामी एक्शन कमेटी के नेता अजमल रशीद ने पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकी नेटवर्क पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सेना पर आरोप लगाया कि वह पीओजेके के युवाओं को आतंकवाद में धकेल रही है, जबकि अपने बच्चों को विदेश में पढ़ा रही है। इस बयान ने न सिर्फ पाकिस्तान को बेनकाब किया, बल्कि उसकी ‘कश्मीर नीति’ की हकीकत भी उजागर की। इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि पीओके और बलूचिस्तान में न सिर्फ पाकिस्तानी सेना के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की साख भी कमजोर हो रही है।