India News (इंडिया न्यूज), Saudi arab population increase: दुनिया भर के कई देश इस समय घटती जनसंख्या का सामना कर रहे हैं। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की जन्म दर में कमी आ रही है। साथ ही, हाल ही में आई एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि घटती जनसंख्या के कारण दक्षिण कोरिया दुनिया का पहला ऐसा देश बन सकता है जो गायब हो जाएगा।जहां एक तरफ दुनिया में जनसंख्या में गिरावट खतरे की घंटी बजा रही है, वहीं इस बीच मुस्लिम देश सऊदी अरब में न सिर्फ जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है। बल्कि सऊदी अरब की जन्म दर दुनिया के सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत से भी ज्यादा है।
जनसंख्या में बढ़ोतरी
जनरल अथॉरिटी फॉर स्टैटिस्टिक्स (GASTAT) के नए आंकड़ों के मुताबिक, 2024 के मध्य तक सऊदी अरब की जनसंख्या 35.3 मिलियन तक पहुंच गई है। आंकड़ों के मुताबिक, सऊदी अरब के नागरिकों की आबादी कुल आबादी का 55.6 फीसदी है। वहीं, सऊदी में विदेशियों की भी बड़ी आबादी रहती है, जो व्यापार, शिक्षा और रोजगार के मकसद से देश में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी की 44.4 फीसदी आबादी गैर-सऊदी लोगों की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के मध्य से 2024 के मध्य के दौरान जनसंख्या में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है।
इसके साथ ही वर्ष 2024 में 16 लाख लोगों की वृद्धि हुई है। हालांकि, मई 2022 में वार्षिक वृद्धि 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई। उम्र के हिसाब से जनसंख्या अगर सऊदी की आबादी को उम्र के हिसाब से देखें तो देश में नवजात से लेकर 14 साल तक के बच्चों की आबादी 33.5 प्रतिशत है। वहीं, गैर-सऊदी लोगों के लिए यह आंकड़ा 8.6 प्रतिशत है। सऊदी नागरिकों के लिए 15 से 64 साल के लोगों की आबादी 62.7 प्रतिशत है। वहीं, गैर-सऊदी आबादी 15 से 64 साल के आयु वर्ग की 89.9 प्रतिशत है। जो सऊदी के लोगों से काफी ज्यादा है।
जन्म दर में इजाफा
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब में वर्ष 2022 में जन्म दर 2.39 दर्ज की गई। इसके बाद हालिया रिपोर्ट के अनुसार सऊदी नागरिकों की जन्म दर 2.7 दर्ज की गई है। वहीं गैर सऊदी नागरिकों के लिए यह 0.8 दर्ज की गई है।
सऊदी अरब की जन्म दर भारत से ज्यादा बढ़ी है। जबकि भारत की जनसंख्या 140 करोड़ के बराबर है, रिपोर्ट के अनुसार अब जन्म दर घट रही है। केंद्र सरकार ने 10 दिसंबर 2024 को कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार भारत में प्रजनन दर 2.0 दर्ज की गई है। वहीं, द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी (जीबीडी) 2021 के अनुसार, वर्ष 1950 में भारत की प्रजनन दर 6.18 दर्ज की गई थी, जो वर्ष 2021 तक 1.9 पर पहुंच गई। साथ ही, रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2100 तक भारत में प्रजनन दर गिरकर 1.04 हो सकती है।
चीन और जापान का हाल
नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने कहा कि वर्ष 2024 के अंत में चीन की जनसंख्या 1.408 बिलियन होगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.39 मिलियन कम है। इसके साथ ही, जो देश कभी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश था, वह आज घटती प्रजनन दर का सामना कर रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में चीन में नए जन्मों में 5.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। वर्ष 2022 के लिए विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की जन्म दर 1.18 थी। जापान में भी जनसंख्या घट रही है जापान इस समय जनसंख्या में गिरावट का सामना कर रहा है। वर्ष 2023 में जापान की कुल जनसंख्या में लगातार 15वें साल गिरावट आई है। जनसंख्या में गिरावट का सबसे बड़ा कारण यह है कि देश में लोग मर रहे हैं, लेकिन बच्चे पैदा नहीं हो रहे हैं। जापान में जन्म दर वर्ष 2023 में रिकॉर्ड निचले स्तर 730,000 पर पहुंच गई है।
1 जनवरी 2024 तक जापान की जनसंख्या 124.9 मिलियन थी। जापान में प्रजनन दर में भी काफी कमी आई है। देश में विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में जन्म दर 1.26 थी। सर्वेक्षण के अनुसार देश में लोग शादी नहीं करना चाहते हैं और अपने करियर, नौकरी पर ध्यान देना चाहते हैं। साथ ही महिलाएं काम करना चाहती हैं और मां बनने की जिम्मेदारियों से काफी हद तक बचना चाहती हैं। दक्षिण कोरिया के लिए खतरे की घंटी दक्षिण कोरिया की जनसंख्या में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है।
आज दक्षिण कोरिया में जन्म दर सबसे कम है। वर्ष 2023 में देश में प्रजनन दर 0.78 दर्ज की गई। इसका मतलब है कि दक्षिण कोरिया में महिलाएं अपने पूरे जीवन में केवल एक ही बच्चे को जन्म देती हैं।
सऊदी की जीवन प्रत्याशा दर
GASTAT रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब की जीवन प्रत्याशा 78 वर्ष दर्ज की गई है। वहीं, विश्व बैंक की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा 67.74 वर्ष दर्ज की गई है। वर्ष 2022 में चीन में सबसे अधिक जीवन प्रत्याशा दर 78.59 और जापान में सबसे अधिक जीवन प्रत्याशा दर दर्ज की गई है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में यह 84 वर्ष दर्ज की गई है।