India News (इंडिया न्यूज), Living Nostradamus: ऐसे कई भविष्यवक्ता हुए हैं, जिनकी भविष्यवाणियों पर पूरी दुनिया यकीन करती है। जैसे कि फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस और बुल्गारिया के बाबा वंगा। इन दोनों भविष्यवक्ताओं की ज़्यादातर भविष्यवाणियाँ सच साबित हुई हैं। फिलहाल ब्राजील के भविष्यवक्ता एथोस सैलोम की तुलना भी नास्त्रेदमस से की जाती है।
एथोस सैलोम को लिविंग नास्त्रेदमस के नाम से जाना जाता है। उनकी कई भविष्यवाणियां सच हुई हैं। एथोस सैलोम की कोरोना वायरस, रूस-यूक्रेन युद्ध और महारानी एलिजाबेथ की मौत की भविष्यवाणियाँ सच हुई हैं। इस वजह से उनकी तुलना 16वीं सदी के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस से की जाती है। अब उन्होंने साल 2025 के लिए कई डरावनी भविष्यवाणियाँ की हैं। आइए एक नज़र डालते हैं उनकी 2025 की भविष्यवाणियों पर।
ऐसे इंसानों का निर्माण होगा
जीवित नास्त्रेदमस ने कहा है कि अब समय आ गया है जब मानवता एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी। उनका कहना है कि आनुवंशिक रूप से संशोधित इंसानों का निर्माण होगा। इस बदलाव से एशिया में जैव प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति देखने को मिलेगी। इससे मानवता के लिए नैतिक और सामाजिक सवाल खड़े हो सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला होगा
एथोस सैलोम के अनुसार, 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने चरम पर होगा और इसे पूरी स्वायत्तता हासिल हो जाएगी। उनका कहना है कि एआई ऐसे क्षेत्रों में भी फैसले ले सकेगा, जो पहले इंसानों के नियंत्रण में थे। अब सवाल यह है कि क्या इंसान एआई को नियंत्रित कर पाएगा? सैलोम ने दावा किया है कि 2025 में एलियंस के अस्तित्व को लेकर आधिकारिक घोषणाएं होंगी। इसका खुलासा धरती पर एलियन जीवन के संकेत, मंगल ग्रह पर सूक्ष्मजीवों के अस्तित्व के सबूत या दूसरी सभ्यताओं के अस्तित्व से हो सकता है।
ऊर्जा संकट हो सकता है
उन्होंने भविष्यवाणी की है कि साल 2025 तक वैश्विक ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है। बड़े देश इसका इस्तेमाल अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए करेंगे। इस ऊर्जा संकट का सबसे ज़्यादा असर विकासशील देशों पर पड़ेगा। सैलोम ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, भूगर्भीय इंजीनियरिंग का इस्तेमाल सूखा और बेमौसम तूफ़ान पैदा करने के लिए किया जाएगा।
इंसानों में चिप्स लगाए जाएंगे
सैलोम ने यह भी कहा है कि आने वाले समय में स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के नाम पर इंसानों की त्वचा में चिप्स लगाए जाएंगे। सरकारें इसका इस्तेमाल जनसंख्या को नियंत्रित करने और असहमति को दबाने के लिए कर सकती हैं। अपनी आखिरी भविष्यवाणी में उन्होंने कहा है कि 2025 में गुप्त सैन्य ठिकानों और सैन्य तकनीक का खुलासा होगा। इससे विरोध के स्वर उठ सकते हैं।