India News (इंडिया न्यूज), Julani Speech: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़कर भागना पड़ा है। और खबर आ रही है कि, अशद को रूस में शरण दिया गया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जोलानी 27 नवंबर से शुरू हुए असद विरोधी अभियान के नायक बन गए हैं। हालांकि, इस लड़ाई में दर्जनों विद्रोही समूह असद सेना के खिलाफ मिलकर लड़ रहे थे। जोलानी, जो रविवार को दमिश्क पहुंचे, अपने विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) द्वारा राजधानी पर कब्जा करने के कुछ ही घंटों बाद, उमय्यद मस्जिद में अपना विजय भाषण दिया। उन्होंने घोषणा की कि विद्रोहियों ने तानाशाह बशर अल-असद की सरकार को गिरा दिया है।
जुलानी ने अपने विजय भाषण ने कही ये बात
जोलानी ने उमय्यद मस्जिद में जमा भीड़ से कहा, “असद शासन ने अपने ही हजारों नागरिकों को अन्यायपूर्ण तरीके से और बिना किसी अपराध के कैद कर रखा है। इस देश के असली मालिक हम (सीरियाई लोग) हैं। हम लड़ते रहे हैं और आज हमें इस जीत का इनाम मिला है।” अल-जुलानी ने अपने इस भाषण में लोगों से आगे पूछा, “दुनिया भर में कितने लोग विस्थापित हुए? कितने टेंट में रह रहे हैं? कितने समुद्र में डूब गए? मेरे भाइयों, इस महान जीत के बाद पूरे क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।” उन्होंने लोगों से कहा कि एक नया सीरिया बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी जो ‘इस्लामिक राष्ट्र के लिए एक प्रकाश स्तंभ’ होगा।
एचटीएस को आज भी आतंकी संगठन मानते हैं अमेरिका, यूरोपीय संघ और तुर्की जैसे देश
जुलानी ने अपने इस संबोधन में सीरिया में ईरान के हस्तक्षेप की भी आलोचना की है। जीत के लिए खुदा का शुक्रिया अदा किया। उनसे दुआ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अल्लाह आपको निराश नहीं करेगा, यह जीत सभी सीरियाई लोगों की है। वे सभी इस जीत का हिस्सा थे। अपनी छवि बदलने की कोशिश अपने हमले की शुरुआत से ही अल-जुलानी और एचटीएस ने उस धारणा को बदलने की कोशिश की है। जिसमें उन्हें आतंकवादी संगठन के रूप में देखा जाता है। अपने हमले की शुरुआत से ही, उन्होंने एकता के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया है और उमय्यद मस्जिद में अल-जुलानी के भाषण ने इस पर जोर दिया। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिका, यूरोपीय संघ और तुर्की जैसे देश अभी भी एचटीएस को एक आतंकवादी संगठन मानते हैं।