India News (इंडिया न्यूज), Sugar Prices In Pakistan : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गर्द में जा चुकी है। वहां की आवाम को अपना पेट भरने के लिए काफी मुश्किलों का सामने करना पड़ रहा है। इसके ऊपर महंगाई ने अलग से पड़ोसी देश की हालत खराब कर रखी है। शहबाज सरकार भी टैक्स बढ़ाकर जनता का जीना हराम किए हुए हैं। दाल-चावल से लेकर अनाज तक की कीमते आसमान छू रही हैं। अब इस लिस्ट में चीनी भी जूड़ गई है। पाकिस्तानी आवाम के घरों से चीनी धीरे-धीरे गायब हो रही है।
असल में पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती खपत और चीनी की कमी प्रमुख कारण हैं। इस वक्त खुदरा बाजार में चीनी 170-180 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इसकी वजह से पाकिस्तान के कई देशों में चीनी को लेकर मारामारी चल रही है।
अगर स्थिती ऐसी ही चलती रही तो आने वाले समय में पाकिस्तान में चीनी का दाम सोने-चांदी से ज्यादा हो जाएगा। वहीं चीनी को लेकर हो रही मारामारी की वजह से रावलपिंडी में चीनी व्यापारियों ने हड़ताल की चेतावनी भी दे दी है।
पाकिस्तान में क्यों आसमान छू रहे हैं चीनी के दाम?
जैसे पाकिस्तान में हर समस्या के पीछे सरकार का हाथ होता है, वैसे चीनी सकंट के पीछे भी शहबाज सरकार की लापरवाही की बात सामने आ रही है। पाकिस्तान में चीनी के दामों में भारी उछाल के पीछे की वजह कम चीनी का आना है। पाकिस्तान में इस बार 100 टन चीनी कम आया। वही, रमजान की वजह से चीनी की मांग में भी तेजी आई है। इस चीनी संकट पर पीएम शहबाज शरीफ की सरकार ने शुरुआत में ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब हालत काबू से बाहर होने लगे तो खुदरा बाजार के लिए दाम तय करने का फैसला दे दिया गया। इस फैसले को लेकर
पाकिस्तानी सरकार का कहना था कि अगर चीनी की कालाबाजारी पर रोक लगती है तो इसके दामों की कमी आ सकती है। हालांकि, ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
हर साल इतने टन चीनी खा जाते हैं पाकिस्तानी
पाकिस्तान के सरकारी आकड़ो की माने तो साल 2024 में पाकिस्तान में 603 टन चीनी की खपत हुई थी, 2023 के आकड़ो से ये 3 प्रतिशत ज्यादा थी। समय के साथ पड़ोसी देश में चीनी खपत बढ़ती ही चली जा रही है। इसका असर भी वहां पर देखने को मिल रहा है। हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में कुल 3 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह पाकिस्तान की कुल आबादी का करीब 26 प्रतिशत है। ऐसे में पाकिस्तान भविष्य में डायबिटीज का एक एपिक सेंटर बन सकता है।