India News (इंडिया न्यूज), Russia-Ukraine War : रूस-यूक्रेन के बीच सालों से जारी जंग समय के साथ और भी ज्यादा विनाशकारी होती जा रही है। दोनों देश अपनी पूरी ताकत के साथ एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं, जिसमें जान और माल दोनों का भारी नुकसान हो रहा है।
अब इसी कड़ी में रूस ने यूक्रेन के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों पर 400 से अधिक ड्रोन और 40 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। इनमें वोलिन, लविवि, टेरनोपिल, कीव, सुमी, पोल्टावा, खमेलनित्सकी, चर्कासी और चेर्निहिव शामिल हैं।
इस हमले को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि यूक्रेनी वायुसेना ने कई मिसाइलों और ड्रोन को गिराने में सफलता पाई, लेकिन तीन आपातकालीन सेवा कर्मचारियों की मौत और 49 लोगों के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है। मलबे की सफाई और बचाव अभियान जारी है।
आम लोगों को निशाना बना रहा रूस – जेलेंस्की
इन हमलों की जानकारी देते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस अपनी नीति नहीं बदल रहा है। वह आम लोगों को निशाना बना रहा है। यह युद्ध अब सिर्फ़ यूक्रेन का नहीं है, यह मानवता का है। उन्होंने कहा कि रूस को अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही के दायरे में लाया जाना चाहिए। अमेरिका, यूरोप और पूरी दुनिया को अब निर्णायक दबाव बनाना होगा। अगर वैश्विक नेता चुप हैं, तो यह भी एक तरह की मिलीभगत है। अब निर्णायक कार्रवाई का समय है, सिर्फ़ समर्थन से युद्ध नहीं रुकेगा।
सहयोगी देशों से नहीं मिल रहा सपोर्ट
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से यूक्रेन को इस युद्ध में उतनी मदद नहीं मिल रही है जितनी पहले मिलती थी। यूक्रेन ने शुरू से ही साफ कर दिया है कि वह अकेले लड़ते-लड़ते थक चुका है। उसने नाटो, यूरोपीय संघ, अमेरिका और दूसरे सहयोगी देशों से अपेक्षा की है कि वे रूस पर आर्थिक प्रतिबंध और कड़े करें। हथियारों और सैन्य संसाधनों की आपूर्ति बढ़ाएँ। कूटनीतिक स्तर पर दबाव डालें और रूस को बातचीत के लिए राजी करें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को कई देशों ने मदद पहुंचाई है। इसमें अमेरिका की तरफ से सुरक्षा सहायता पैकेज दिया गया है। तो वहीं यूरोप ने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराया। लेकिन फिर भी जेलेंस्की को लगता है कि उन्हें मिलने वाले सहयोग रूस के खिलाफ जारी युद्ध में पर्याप्त नहीं है।
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