India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War Update : रूस और यूक्रेन के बीच सालों से चल रही जंग अब लग रहा है और भी ज्यादा भीषण रूप लेने वाली है। हाल में यूक्रेन की तरफ से किए गए ड्रोन हमलों में रूस के पांच एयरबेसों को तबाह करने का दावा किया गया है। खबरों के मुताबिक इन हमलों में रूस को भारी नुकसान हुआ है, उसके कम से कम 40 सैन्य विमानों को तबाह कर दिया गया है।
इस हमले के बाद से जानकार ऐसा मान रहे हैं कि रूस अब यूक्रेन के ड्रोन अटैक का करारा जवाब दे सकता है। इसको लेकर रूस के मिसाइल बेड़े में एक से बढ़कर एक विध्वंसक हथियार हैं, जिनका रूस की तरफ से अभी तक यूक्रेन पर इस्तेमाल नहीं किया गया है।
रूस की सुपर मिसाइलों के सामने नहीं टिक पाएगा यूक्रेन
रूस चाहे तो पल भर में यूक्रेन के बड़े हिस्से को विस्फोटों से अपनी चपेट में ले सकता है। रूस के पास कई महा-हथियार हैं, जिनमें एवनगार्ड, पोसाइडन, सरमैट और बुरेवेस्टनिक शामिल हैं। ये ऐसी मिसाइलें हैं जो बिना किसी चूक के पलक झपकते ही लक्ष्य को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।
रूस ने अभी तक यूक्रेन के खिलाफ इनका इस्तेमाल नहीं किया है। इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, यह जरूर सच है कि उसने किंजल का इस्तेमाल किया है।
रूस की सबसे विध्वंसक मिसाइलें –
9M730 बुरेवेस्तनिक – यह एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल है। दावा किया जाता है कि यह हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। इसे फ्लाइंग चेर्नोबिल भी कहा जाता है।
Kh-47M2 किंझल – यह रूस के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है। किंजल एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे लड़ाकू विमान से लॉन्च किया जाता है। इसकी रेंज 2000 किलोमीटर है। इसकी गति 12348 किलोमीटर प्रति घंटा है।
RS-28 सरमत – यह एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 18000 किलोमीटर है। इसमें 10 से 15 परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है।
एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल – इसे रूस की सबसे घातक मिसाइलों में से एक माना जाता है। इसकी गति मैक 27 यानी करीब 32200 किलोमीटर प्रति घंटा है। सबसे खास बात यह है कि यह रडार से बच निकलने में माहिर है।
रूस के पास 5449 परमाणु हथियार
ICANW की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास 5449 परमाणु हथियार हैं, लेकिन वह अभी तक यूक्रेन के खिलाफ कोई बड़ा हथियार इस्तेमाल नहीं कर पाया है। इसके कई कारण हैं। अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ घातक मिसाइलों का इस्तेमाल करता है तो उस पर वैश्विक दबाव बढ़ सकता है। अमेरिका भी उसके खिलाफ खड़ा हो सकता है।