India News (इंडिया न्यूज), Russia LGBTQ Movment: रुस में राष्ट्रपति के लिए होने वाले री-इलेक्शन और देश में फैल रहे विदेशी एजेंडे को देखते हुए रुस की सुप्रीम कोर्ट ने LGBTQ मूवमेंट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। रुस की सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंध के लिए चलाए जा रहे मूवमेंट में पूरी तरह से बैन लगा दिया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, रुस के रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को LGBTQ मूवमेंट को बैन करने की अपील की थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये फैसला लिया। इस बैन के साथ अगर रुस में कोई LGBTQ मूवमेंट उठाता है तो सरकार उसे चरंमपथी समझते हुए कार्रवाही करेंगी।

कोर्ट ने किया कहा

न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि LGBTQ मूवमेंट ने “सामाजिक और धार्मिक कलह को बढ़ावा देने सहित चरमपंथी अभिविन्यास के विभिन्न संकेत और अभिव्यक्तियाँ दिखाईं”। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कारण, LGBTQ मूवमेंट के तहत सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और उन्हें चरमपंथी के रूप में नामित किया जाएगा। इस प्रतिबंध से समुदाय के कई सदस्यों पर गिरफ़्तारी और मुक़दमे का ख़तरा भी मंडरा रहा है।

LGBTQ मूवमेंट को “पश्चिमी प्रचार” मानता है रुस

बता दें कि रूस हमेशा LGBTQ मूवमेंट के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को लेकर कठोर रहा है, अक्सर रुस इसे “पश्चिमी प्रचार” के रूप में खारिज कर देता है। वहीं पूर्व सोवियत दिग्गज का यह कदम यौन रुझान और लिंग पहचान की अभिव्यक्ति पर बढ़ते प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में आया है। अपने असहमति कानूनों के तहत, रूस ने पहले ही “गैर-पारंपरिक” यौन संबंधों को बढ़ावा देने को गैरकानूनी घोषित कर दिया था।

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