India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध इस समय जोरों पर है। यूक्रेन ने जवाबी हमले में रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है। इसके बाद भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस वजह अब ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार पुतिन चुप क्यों हैं। क्या वे ज़ेलेंस्की को जवाब देने के लिए कोई बड़ी योजना बना रहे हैं या उनके पास संसाधनों की कमी हो गई है? यूक्रेन ने तीन सप्ताह की लड़ाई के बाद रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है।

वहीं रूस अभी भी कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को हटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस के किसी क्षेत्र में कोई अन्य देश घुसा है। यह भी माना जाता है कि यह सब रूसी सेना की संख्या और उनकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।

क्यों शांत हैं पुतिन?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हमले को इतना गंभीर खतरा नहीं मानते कि पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र से सैनिकों को वापस बुलाकर उन्हें कुर्स्क क्षेत्र में भेजना उचित हो, जो उनका पहला लक्ष्य है। दरअसल, पुतिन का ध्यान यूक्रेनी सरकार के पतन पर है। उनका मानना ​​है कि इसके बाद किसी भी क्षेत्र पर कब्ज़ा अपने आप अप्रासंगिक हो जाएगा। साल 2022 में पूर्ण पैमाने पर हमला करने के कुछ महीनों बाद, पुतिन ने डोनेट्स्क, लुगांस्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन के यूक्रेनी क्षेत्रों को अवैध रूप से रूसी क्षेत्र के हिस्से के रूप में अपने कब्ज़े में ले लिया है। बता दें कि, यूक्रेनी सेना 6 अगस्त को कुर्स्क क्षेत्र में प्रवेश कर गई। जबकि रूसी सैनिकों ने रणनीतिक शहर पोक्रोवस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र के अन्य हिस्सों के आसपास अपनी धीमी गति से आगे बढ़ना जारी रखा है।

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कुर्स्क हमला एक चाल- पुतिन

बता दें कि, अधिकारियों के साथ टेलीविज़न पर हुई बैठक में पुतिन ने कुर्स्क हमले के बारे में कहा कि यह डोनेट्स्क में रूसी अभियान को धीमा करने की एक चाल है। उन्होंने कहा कि कुर्स्क में हमले की घटनाओं के बावजूद रूस कई क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ा है। पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुर्स्क में कीव के हमले को बहुत कम महत्व देने की कोशिश की है। वहीं, रूस के सरकारी मीडिया ने कुर्स्क पर हमले को कीव के आक्रामक इरादों के सबूत के तौर पर पेश किया और कहा कि यह इस बात का और सबूत है कि यूक्रेन पर हमला करना रूस का अधिकार था।

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