India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से जंग चल रहा है। वहीं अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि दोनों देश युद्ध छोड़कर शांति की राह पर कब चलेंगे। दरअसल, शांति समझौते से जुड़ा एक बड़ा संकेत खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। पुतिन ने शनिवार (19 अक्टूबर) को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर कहा कि यूक्रेन संकट को सुलझाने और बातचीत के लिए सऊदी अरब एक सही जगह होगी। एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति पुतिन ने सऊदी शाही परिवार के साथ अपने करीबी व्यक्तिगत संबंधों को स्वीकार किया और कहा कि शांति प्रक्रिया की राह में मुख्य बाधा यूक्रेन का रवैया है।
क्यों शांति समझौते के लिए सऊदी सही है?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि हम सऊदी अरब को एक मित्र देश मानते हैं। मेरे किंग के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और आम तौर पर क्राउन प्रिंस के साथ व्यक्तिगत रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे बस इतना यकीन है कि सऊदी अरब इस क्षेत्र में जो कुछ भी करता है, वह ईमानदारी से करता है, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। इसलिए, अगर सऊदी अरब में इस तरह के आयोजन होते हैं, तो निश्चित रूप से यह स्थल हमारे लिए काफी सुविधाजनक है। बता दें कि, सऊदी अरब इजरायल-फिलिस्तीन और रूस-यूक्रेन दोनों मोर्चों पर समाधान खोजने में लगा हुआ है और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 16 अक्टूबर को ब्रुसेल्स में आयोजित पहले ईयू-जीसीसी शिखर सम्मेलन में सऊदी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
कई देश कर रहे शांति को लेकर प्रयास
बता दें कि, भारत, चीन और ब्राजील जैसे अन्य देश भी संघर्ष को समाप्त करने में सक्रिय रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए ब्रिक्स सदस्य देशों के समर्थन को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि रूस चल रहे संवाद प्रयासों की बहुत सावधानी से जांच कर रहा है। यूक्रेन में संघर्ष 24 फरवरी 2022 को रूसी मिसाइलों के यूक्रेन पर गिरने के साथ शुरू हुआ और तब से कई देशों ने शांति स्थापित करने की कोशिश की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संघर्ष शुरू होने के बाद से कई मौकों पर शांति के लिए समर्थन व्यक्त किया है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने यूक्रेनी और रूसी नेताओं के साथ बातचीत की थी। इसके बाद सितंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जीत कुमार डोभाल ने मॉस्को का दौरा किया।