India News ( इंडिया न्यूज), S Jaishankar Sri Lanka Visit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को लताड़ लगाई। उन्होंने साफ कर दिया कि अगर दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए कोई मुद्दा बचा है तो वह है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर। इससे पहले वो चीन के साथ रिश्ते सुधारने में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि ड्रैगन के साथ सीमा विवाद से जुड़े ज्यादातर पहलुओं को भी सुलझा लिया गया है। अब एस जयशंकर को पीएम मोदी की तरफ से नए टास्क के तौर पर पड़ोसी देश श्रीलंका की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं इस हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर पड़ोसी देश श्रीलंका के दौरे पर जाने वाले हैं।
अनुरा कुमार ने संभाली है श्रीलंका की नै कमान
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके पिछले हफ्ते ही चुने गए हैं। उनके पदभार संभालने के बाद किसी बड़े भारतीय नेता की यह पहली श्रीलंका यात्रा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और श्रीलंका की नई सरकार के बीच मुलाकात इसलिए भी काफी अहम है। दरअसल, हिंद महासागर में भारत के इस पड़ोसी देश में मार्क्सवादी विचारधारा वाली सरकार सत्ता में आई है। वहीं श्रीलंका की विदेश नीति में संभावित बदलाव को लेकर भारत में भी चिंताएं बढ़ गई हैं। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर वहां के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा राष्ट्रपति दिसानायके से मिलने वाले पहले विदेशी राजनयिक थे। अब उम्मीद है कि एस जयशंकर 4 अक्टूबर को श्रीलंका का दौरा करेंगे और पिछले 12 महीनों में दिसानायके से अपने संपर्क को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
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भारत की पहली पसंद नहीं हैं दिसानायके
बता दें कि, दिसानायके श्रीलंका में भारत की पहली पसंद नहीं हैं, लेकिन भारत सरकार को उम्मीद है कि राष्ट्रपति बनने के दूसरे हफ्ते में जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों के बीच उस तरह के रिश्ते नहीं बनेंगे। जैसे मालदीव के नए राष्ट्रपति और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ हैं। मालदीव में मोहम्मद मुइजू सरकार के सत्ता में आते ही उसने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसी तर्ज पर शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस भी भारत पर नजर रख रहे हैं।