India News (इंडिया न्यूज), Polar Vortex Collapse : दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। भारत समेत देश-दुनिया की सरकारें इसको लेकर कदम उठा रही हैं। लेकिन इस कड़ी में एक नया खतरा सामने आकर खड़ा हो गया है। असल में वैज्ञानिकों ने सफेद तबाही को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। सफेद तबाही को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने पोलर वोर्टेक्स को लेकर चेतावनी दी है, जो इस वक्त आर्कटिक के ऊपर ठंडी हवा का एक विशाल भंवर है, एक बार फिर टूटने की कगार पर है। पोलर वोर्टेक्स से सबसे ज्यादा खतरा अमेरिका, कनाडा और यूके पर बताया जा रहा है।
वैज्ञानिकों की माने तो मार्च में दुनिया के कई देशों में कड़ाके की ठंड वापस आ सकती है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आएगी और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
वैज्ञानिकों की रिपोर्ट की माने तो पिछले महीने पोलर वोर्टेक्स के टूटने के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि यह घटना फिर से हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूटन और भी भयावह हो सकती है। इससे उत्तरी अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है।
वैज्ञानिकों को किस बात का खतरा सता रहा?
वैज्ञानिकों का मानना है कि पोलर वोर्टेक्स इस साल काफी मजबूत रहा है। लेकिन चिंता का विषय है इसका अजीब आकार और बार-बार टूटना। जानकारी के लिए बता दें कि जब पोलर वोर्टेक्स टूटता है, तो यह जेट स्ट्रीम को प्रभावित करता है। इससे ठंडी हवा दक्षिण की ओर धकेल जाती है। इसका नतीजा भयंकर बर्फीले तूफान और जानलेवा ठंड के रूप में सामने आता है। इस खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों के बीच ये बहस चल रही है कि ग्लोबल वार्मिंग के बावजूद इतनी भीषण ठंड क्यों पड़ रही है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन जेट स्ट्रीम के व्यवहार को प्रभावित कर रहा है, जिससे चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं। भले ही कारण जो भी हो, एक बात तो साफ़ है कि इस साल ठंड का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। पोलर वोर्टेक्स का खतरा अभी टला नहीं है और आने वाले हफ़्तों में तापमान में और गिरावट आ सकती है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि फरवरी में पोलर वोर्टेक्स के टूटने से पहले ही कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी और ठंड दर्ज की जा चुकी है।
अपना आकार बदल रहा पोलर वोर्टेक्स
पोलर वोर्टेक्स को लेकर AccuWeather के मौसम विज्ञानी पॉल पास्टेलोक ने जानकारी देते हुए बताया है कि, पोलर वोर्टेक्स का विस्थापन यूरोप और पूर्वी कनाडा की ओर हो सकता है। इससे इन क्षेत्रों में भीषण ठंड पड़ सकती है। हालांकि आमतौर पर एक मजबूत पोलर वोर्टेक्स ठंडी हवा को ध्रुवों में बंद रखता है, लेकिन इस बार यह अजीब तरह से खिंच रहा है और अपना आकार बदल रहा है। यह असामान्य व्यवहार वायुमंडल में ऊर्जा के उतार-चढ़ाव के कारण हो रहा है, जिससे पोलर वोर्टेक्स सामान्य से ज़्यादा खिंच और सिकुड़ रहा है।