India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Hindu Protests: बीते कुछ दिन से बांग्लादेश (Bangladesh) में बड़े उथल पुथल हुए हैं। सड़कों पर विद्रोह, शेख हसीना को अपना पद छोड़ना पड़ा। देश को छोड़ कर उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी। बांग्लादेश में इस सप्ताह शेख हसीना के इस्तीफा के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा था। जिसके खिलाफ सैकड़ों बांग्लादेशी हिंदू ढाका की सड़कों पर उतरे।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सैकड़ों लोग अल्पसंख्यकों को बचाने की मांग करते हुए नारा लगा रहे हैं। इस दौरान हम कौन हैं? बंगाली, बंगाली के नारे भी हवा में गूंज रहे थे। बता दें कि, प्रदर्शनकारियों ने शांति की अपील की और शुक्रवार (9 अगस्त) को राजधानी में एक चौराहे को हरे कृष्ण, हरे कृष्ण के नारों के बीच अवरुद्ध कर दिया।
अवामी लीग ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि बांग्लादेश के हिंदू 5 अगस्त से अपने व्यक्ति, संपत्ति और पूजा स्थलों पर हमलों का विरोध करने के लिए ढाका के शाहबाग में सड़कों पर उतर आए हैं। इसी के साथ उन्होनें ने भी अंतरिम सरकार को एक बड़ा अल्टिमेटम भी दे दिया है।
- अवामी लीग सत्ता पर वापसी के लिए सड़कों पर
- आवामी लीग वापसी को तैयार
- शेख हसीना के वापसी की मांग
अवामी लीग सत्ता पर वापसी के लिए सड़कों पर
तख्तापलट के बाद लगातार स्थिति खराब हो रही है। अब ये कयास लगाए जा रहे है कि देश में अब संघर्ष का नया दौर शुरू हो गया है। अवामी लीग सत्ता पर वापसी के लिए कमर कसने को तैयार हो रही है। शेख हसीना की पार्टी वापस सत्ता में आना चाहती है। ये बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है। जान लें कि इस दल की नेता शेख हसीना थीं जो कि अभी भारत में हैं। अगर उनकी पार्टी वापस सत्ता में आती है तो आसार हैं कि हसीना वापस से देश की कमान संभाल सकती हैं। पड़ोसी देश में इन दिनों अंतरिम सरकार काम कर रही है। बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने अंतरिम सरकार में पीएम पद की शपथ ली है और मंत्रालय का भी बंटवारा कर दिया है।
आवामी लीग वापसी को तैयार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता की घटनाएं तेजी से पैर पसार रही हैं। वहां ना जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिए। यही कारण है कि वहां घरेलू दबाव और बाहरी सहायता के भरोसे बैठे ये लोग भी अपनी सुरक्षा की गारंटी की मांग कर रहे हैं। इस कारण देश में शेख हसीना की वापसी की मांग तेज हो रही है। उनकी पार्टी अवामी लीग (Awami League) ने यह तय किया है कि वह शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लेकर आएगी। कुछ दिन पहले ही अवामी लीग के कार्यकर्ता गोपालगंज में जमा हुए थे। गोपालगंज के टुंगीपारा में शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान का मकबरा पर सभी ने कसम खाई कि वह अपनी नेता को वापस लाएंगे।
5 किलो आलू के चक्कर में गई दरोगा जी की नौकरी…, मामला जान पुलिस महकमे का उड़ा होश