India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina Party Ban: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला लिया। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सलाहकार परिषद (कैबिनेट) की बैठक में यह फैसला लिया गया। यूनुस के कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, “यह फैसला देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के हित में लिया गया है। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में चल रहे मुकदमे पूरे नहीं हो जाते।”

बयान में क्या कहा गया?

बयान में यह भी कहा गया है कि जुलाई 2024 के जन विद्रोह में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं, शिकायतकर्ताओं और गवाहों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस विद्रोह के कारण अवामी लीग की सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अधिनियम (आईसीटी अधिनियम) में संशोधन किया जाएगा, जिससे अब किसी भी राजनीतिक दल, उसकी अग्रिम इकाइयों और सहयोगी संगठनों पर मुकदमा चलाया जा सकेगा।

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क्या है पार्टी का इतिहास?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 1949 में गठित अवामी लीग ने दशकों तक पूर्वी पाकिस्तान में बंगालियों के लिए स्वायत्तता की मांग का नेतृत्व किया और 1971 के मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।यह पार्टी बांग्लादेश की आजादी की राजनीतिक धुरी रही है। हालांकि, हाल के वर्षों में इस पर मानवाधिकार उल्लंघन, सत्ता के दुरुपयोग और दमनकारी नीतियों समेत कई आरोप लगे हैं। राजनीतिक माहौल में भारी उथल-पुथल इस फैसले ने बांग्लादेश में पहले से ही अस्थिर राजनीतिक स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। एक तरफ अवामी लीग के समर्थक इस फैसले को लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, वहीं अंतरिम सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बता रही है।

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