India News (इंडिया न्यूज), Pits In Siberia: रूस का विशाल और ठंडा इलाका साइबेरिया इस समय दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है। हाल के सालों में यहां कई बड़े गड्ढों के बनने से पूरी दुनिया के लोग चिंतित हैं। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इन गड्ढों को रूस में “बुल्गा” कहा जाता है। वैज्ञानिकों और भूगर्भशास्त्रियों की एक टीम अब इस रहस्य को सुलझाने में लगी हुई है कि, आखिर ऐसा हो क्यों रहा है और क्या इसका धरती पर कुछ असर हो रहा है। 

गड्ढा बनने के पीछे की वजह क्या है?

साइबेरिया में बड़े गड्ढों का बनना मुख्य रूप से पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण होता है। दरअसल, पर्माफ्रॉस्ट एक ऐसी परत होती है जो हमेशा जमी रहती है और इसमें हजारों सालों तक कार्बन डाइ ऑक्साइड और मीथेन गैसें फंसी रहती हैं। जब जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती पर तापमान बढ़ता है तो यह पर्माफ्रॉस्ट पिघलने लगता है और फिर बड़े-बड़े गड्ढे बनने लगते हैं। जब पर्माफ्रॉस्ट पिघलता है तो उसमें फंसी कार्बन डाइ ऑक्साइड और मीथेन गैसें बाहर निकलने लगती हैं। ये गैसें धीरे-धीरे जमीन के अंदर दबाव बनाती हैं और जब यह दबाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो जमीन की सतह को उड़ा देती हैं। यह एक विस्फोट की तरह होता है। इस विस्फोट के बाद उस स्थान पर एक बड़ा गड्ढा बन जाता है। 

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धरती को हो रहा नुकसान

गड्ढा बनने के बाद कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन गैसें लगातार निकलती रहती हैं। इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ये गैसें धरती के वायुमंडल को बर्बाद कर रही हैं। जानकारी के अनुसार, साल 2014 में साइबेरिया में पहली बार एक बहुत बड़ा गड्ढा देखा गया था। इसके बाद इस इलाके में कई और गड्ढे बन गए। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि, भविष्य में ये गड्ढे और भी बढ़ सकते हैं। अगर हम रूसी वैज्ञानिकों की मानें तो ये गड्ढे साइबेरिया ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं।

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