India News (इंडिया न्यूज),Iran nuclear deal: मीडिल ईस्ट में तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां इजरायल ने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं वहीं अमेरिका ईरान को लगातार जंग की धमकी दे रहा है।अमेरिका और ईरान शनिवार को ओमान में एक दूसरे के साथ परमाणु कार्यक्रम पर बैठक करने जा रहे हैं। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में अमेरिका को परमाणु समझौते से बाहर कर लिया था, जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया था और अब यह तनाव अपने चरम पर है। डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि ईरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर कोई समझौता करे, जिसमें उसे परमाणु बम बनाने से रोका जा सके।
ईरान समझौता
ट्रंप पहले ही धमकी दे चुके हैं कि अगर ईरान समझौता नहीं करता है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सैन्य कार्रवाई ‘बिल्कुल’ परमाणु समझौते का विकल्प होगी और शनिवार से शुरू होने वाली वार्ता विफल होने पर किसी भी हमले का नेतृत्व इजरायल करेगा।
यानी यह साफ हो गया है कि अगर अमेरिका के साथ समझौता नहीं होता है तो इजरायल ईरान पर बड़ा हमला कर सकता है। ओमान में होने वाली वार्ता का जिक्र करते हुए उन्होंने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा, “यह एक शुरुआत है, हमारे पास कुछ समय है, लेकिन हमारे पास ज्यादा समय नहीं है क्योंकि हम उन्हें परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे।”
ट्रंप ने ईरान के सामने अपनी रखीं मांगें
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “तेहरान मुश्किल हालात में है, लेकिन वे समझते हैं और मैं ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा हूं। उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते।” उन्होंने साफ किया कि अगर ईरान सैन्य लड़ाई चाहता है, तो हम तैयार हैं। ट्रंप ने कहा, “जाहिर है कि इजरायल इसमें बहुत हद तक शामिल होगा, वह इसका नेता होगा। लेकिन कोई हमारा नेतृत्व नहीं करता, हम वही करते हैं जो हम करना चाहते हैं।”
ईरान पर दबाव
ट्रंप का यह बयान शनिवार को ईरानी अधिकारियों के साथ होने वाली सीधी बातचीत से कुछ दिन पहले आया है। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर कहा था, “हम ईरान के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं। वे शुरू हो चुके हैं और शनिवार को शुरू होंगे। हो सकता है कि कोई समझौता हो जाए।” विशेषज्ञ बातचीत से पहले ट्रंप के इस बयान को ईरान पर दबाव बनाने के लिए दिया गया बयान मान रहे हैं। लेकिन यह साफ हो गया है कि इजरायल इन बातचीत पर कड़ी नजर रखने वाला है।