India News (इंडिया न्यूज़),Sweden NATO: नाटो का सदस्य बनने के लिए लगातार दो साल से इंतजार कर रहे स्वीडन का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। जहां अब स्वीडन नाटो का 32 वां सदस्य बन गया है। इसके साथ ही दो सदियों की आधिकारिक गुटनिरपेक्षता समाप्त हो गई और दो साल की यातनापूर्ण कूटनीति समाप्त हो गई। जिसके बाद स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने इस निर्णय को सराहते हुए इसे “स्वतंत्रता की जीत” कहा है, क्योंकि इसने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दो शताब्दियों की गुटनिरपेक्षता का पन्ना पलट दिया।

ये भी पढ़े:-Lok Sabha Election: आज होगी कांग्रेस की पहली लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी! साफ होगी गांधी परिवार की सीटों…

स्वीडन के पीएम का बयान

जानकारी के लिए, स्वीडन के नाटो के 32वां सदस्य बनने के बाद वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक समारोह में स्वीडन के पीएम ने कहा कि, उल्फ क्रिस्टसर्न ने कहा कि, ”यह परिग्रहण आज स्वतंत्रता की जीत है। स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक, संप्रभु और एकजुट विकल्प चुना है।’

ये भी पढ़े-WB Police Constable 2024: पुलिस कांस्टेबल के पदों पर आज से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, ऐसे करें अप्लाई

“यह एक ऐतिहासिक दिन”

पीएम के बाद नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए एक बयान में कहा कि, “यह एक ऐतिहासिक दिन है। स्वीडन अब नाटो की मेज पर अपना उचित स्थान लेगा, नाटो की नीतियों और निर्णयों को आकार देने में समान भागीदारी के साथ।” उन्होंने कहा, “गुटनिरपेक्षता के 200 से अधिक वर्षों के बाद स्वीडन को अब अनुच्छेद 5 के तहत दी गई सुरक्षा प्राप्त है, जो सहयोगियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की अंतिम गारंटी है।”

ये भी पढ़े:-Bengaluru Cafe Blast: संदिग्ध व्यक्ति ने बल्लारी के लिए बसें लीं, रास्ते में कपड़े बदले और जाने क्या मिले सुराग