India News (इंडिया न्यूज), Syria Violence: सीरिया में बीते कुछ दिनों से जारी हिंसा ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। लताकिया और टार्टस जैसे इलाकों में अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (अबू मोहम्मद अल-जुलानी) की सरकार और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इस हिंसा में अब तक 1000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
अलावी समुदाय पर भारी हिंसा
सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाली HTS सुरक्षाबलों ने अलावी अल्पसंख्यक समुदाय पर बर्बरतापूर्ण हिंसा की है। यह समुदाय पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करता है। प्रत्यक्षदर्शियों और एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा के दौरान महिलाओं को सबसे अधिक निशाना बनाया गया। महिलाओं को नग्न परेड कराकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया और उन्हें सिर में गोली मार दी गई।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को अलावी समुदाय पर किए गए हमलों में करीब 745 आम नागरिक मारे गए। इसके अलावा 125 सरकारी सुरक्षा बलों के सदस्य और 148 असद समर्थक भी मारे गए।
लताकिया और बानियास में त्रासदी
लताकिया, जो अलावी समुदाय का गढ़ माना जाता है, में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। बिजली और पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है, जिससे वहां के लोगों की स्थिति और दयनीय हो गई है। बानियास शहर में भी हिंसा के भयानक दृश्य सामने आए हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आम नागरिकों को जबरदस्ती सड़कों पर लाकर गोली मार दी।
सड़क पर खड़ा कर मारी गोली
लताकिया इलाके में असद समर्थकों द्वारा सीरियाई सुरक्षा बलों पर हमला किए जाने के बाद हिंसा का यह दौर शुरू हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अलावी महिलाओं को ढूंढ़कर नग्न परेड कराई गई और फिर गोली मार दी गई। इस घटना ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है।
सामूहिक कब्रों में दफनाए गए शव
हिंसा में मारे गए निर्दोष नागरिकों के शवों को सामूहिक कब्रों में दफनाया गया। सीरियन ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान ने कहा कि शनिवार के बाद हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन तब तक सैकड़ों जानें जा चुकी थीं। सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि तटीय क्षेत्रों की सड़कें बंद कर दी गई हैं।
राजनीतिक स्थिति और अंतरिम सरकार
HTS नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने खुद को सीरिया का नया राष्ट्रपति घोषित किया है। उनकी सरकार के तहत सुरक्षा बलों द्वारा अलावी समुदाय पर किए गए अत्याचारों की निंदा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
मानवता पर संकट
सीरिया में यह हिंसा न केवल राजनीतिक अस्थिरता को उजागर करती है, बल्कि मानवता पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
आगे की राह
सीरिया में शांति स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इन घटनाओं की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने के लिए कदम उठाने चाहिए। साथ ही, मानवता के खिलाफ हो रहे इन अपराधों को रोकने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
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