India News (इंडिया न्यूज), Syrian Muslims Celebrats Nasrallah Death: हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत की खबर आने के बाद दुनियाभर के मुस्लिम मातम मना रहे हैं। परंतु उत्तर-पश्चिमी सीरिया में लोगों ने सड़कों पर जश्न मनाया। इजरायली हवाई हमले में उनकी मौत के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए, जिसमें लोगों को मिठाई बांटते, नाचते और राहत महसूस करते देखा जा सकता है। नसरल्लाह की मौत की खबर से खास तौर पर असद विरोधी समूहों में खुशी की लहर फैल गई है। दरअसल, सीरियाई गृहयुद्ध की शुरुआत 2011 में हुई थी, जब सीरियाई लोगों ने असद सरकार के खिलाफ लोकतंत्र और आजादी की मांग की थी। इस संघर्ष ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया। इसमें कई अन्य ताकतें भी शामिल हो गईं। इसमें हिजबुल्लाह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी।

असद को किया हिजबुल्लाह ने समर्थन

बता दें कि, साल 2012 में हिजबुल्लाह ने बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करने के लिए सीरिया में अपनी सेना भेजी थी। असद शासन अलावी समुदाय से संबंधित है जो शिया इस्लाम की एक शाखा है। असद की हिजबुल्लाह के साथ रणनीतिक साझेदारी थी। इसलिए हिजबुल्लाह ने सुन्नी बहुल विद्रोहियों के खिलाफ असद की सेना के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। सीरिया में अपनी महत्वपूर्ण पकड़ खोने के डर से ईरान और हिजबुल्लाह ने रूस के साथ मिलकर असद की सेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। जिसके कारण अंत में विद्रोहियों की हार हुई। सीरियाई संघर्ष के दौरान कई अत्याचारों के लिए हिजबुल्लाह को दोषी ठहराया जाता है। इस संघर्ष के समय हिजबुल्लाह पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया गया। जिसमें सुन्नी मुस्लिम महिलाओं का बलात्कार, उन्हें जिंदा दफनाना, नागरिकों के खिलाफ अत्याचार, गांवों पर हमले और सामूहिक हत्याएं शामिल हैं।

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सीरियाई मुस्लिमों पर हिजबुल्लाह के अत्याचार

सीरिया में हिजबुल्लाह के सक्रिय होने के बाद सुन्नी मुसलमानों पर बड़े पैमाने पर हिंसा और अत्याचार की घटनाएं सामने आईं। सीरिया के अधिकांश सुन्नी समुदाय ने असद विरोधी विद्रोह का समर्थन किया, जबकि हिजबुल्लाह ने असद सरकार के संरक्षण में हिंसक दमन किया। हिजबुल्लाह की सेना ने विद्रोही समूहों को कुचलने के लिए सीरियाई सेना के साथ मिलकर कई हमले किए। जिसमें हजारों निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। सीरियाई विद्रोही समूह और आम लोग हिजबुल्लाह को एक कब्जाधारी मानते हैं। जो उनके घरों, मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को नष्ट करने में शामिल था। इसकी गतिविधियों ने सीरिया के शिया-सुन्नी संघर्ष को और भी गहरा कर दिया।

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