India News (इंडिया न्यूज), Iran Afghanistan Water Dispute : अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद से तालिबान भारत को छोड़कर अपने सभी पड़ोसी देशों की नाक में दम कर रखा है। एक तरफ जहां पाकिस्तान के साथ तालिबान के जंग जैसे हालात हो गए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ईरान से भी मामला खराब होता जा रहा है। अब खबर सामने आ रही है कि तालिबान ने हेलमंद नदी का पानी रोक दिया है, जो ईरान जाता है। इससे दोनों देशों के बीच टेंशन काफी बढ़ गई है।
ईरानी अखबार शरग ने सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है कि तालिबान ने हेलमंद नदी का पानी रोक दिया है। ये खबर ऐसे समय पर सामने आई है जब तालिबान ने कुछ दिनों पहले वादा किया था कि वह ईरान के हिस्से का पानी छोड़ देगा।
तालिबान-ईरान के बीच पानी को लेकर तकरार
ईरानी अखबार शरग की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान नदी का पानी अपने गोदर-ए-जही नमक के मैदान में मोड़ रहा है। हेलमंद नदी ईरान के दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के लिए पानी का एक प्रमुख स्रोत है। यह इलाका पहले से ही गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है। तालिबान की ओर से पानी रोकने से इस क्षेत्र की स्थिति और खराब हो गई है। बता दें कि ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 से तालिबान ने बार-बार ईरान के पानी के हिस्से को रोका है, जो दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख कारण है।
क्या है ईरान में पानी के कम होने की वजह?
जानकार ईरान में पानी के कम होने के पीछे की वजह नदियों पर बांधों के निर्माण को बता रहे हैं। सीमा पार नदियों पर बांधों के निर्माण को लेकर तनाव बढ़ रहा है। इसकी वजह से ईरान में पानी का प्रवाह काफी कम हो गया है। इस मुद्दे को लेकर जनवरी में ईरान की संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति के एक सदस्य ने कहा था कि तालिबान का अफगानिस्तान में शासन पानी को साझा करने से महत्वपूर्ण मुद्दों में बाधा बना है।
पाकिस्तान पर भी मंडरा रहा खतरा
जानकारी के लिए बता दें कि अफगानिस्तान से ईरान में बहने वाली हेलमंद नदी सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। हिंदू कुश पर्वतों से निकलने वाली हेलमंद नदी पश्चिम की ओर बहती है और फिर हामून झील (सिस्तान क्षेत्र) में जाकर समाप्त हो जाती है। दोनों ही देश इसको साझा करते हैं। इसके अलावा भविष्य में पाकिस्तान में भी पानी की कमी की खबरें सामेन आ सकती हैं। और इसके पीछे की वजह ये है कि अफगानिस्तान में चीन ने नदियों पर बांध बनाने में दिलचस्पी दिखाई है, जिस कारण पाकिस्तान में भी पानी की कमी होने का खतरा है।