India News (इंडिया न्यूज), US Taliban Relation: तालिबान ने आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान से चुराए गए 7 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर उसे वापस किए जाने चाहिए। तालिबान का कहना है कि ये सभी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर अफगानिस्तान की संपत्ति हैं और किसी भी देश को इन्हें रखने का अधिकार नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, तालिबान नेतृत्व इस बात पर जोर देता है कि ये विमान अफगानिस्तान की संपत्ति हैं और इन्हें किसी दूसरे देश को सौंपने के बजाय वापस किया जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला उस समय का है जब अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से वापस चले गए थे। जाते समय अमेरिकी सेना करीब 7.12 अरब डॉलर के विभिन्न हथियार अफगानिस्तान में ही छोड़ गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इन सातों हेलीकॉप्टरों को उज्बेकिस्तान ले जाया गया और अब उज्बेकिस्तान ने सभी सातों UH-60A ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर अमेरिका को सौंप दिए हैं। इस पर तालिबान ने गहरी नाराजगी जताई है। दरअसल, सभी सातों हेलीकॉप्टर मूल रूप से अफगानिस्तान वायु सेना के बेड़े का हिस्सा थे और 2021 में अफगान सरकार के पतन के बाद अफगान पायलट इन सातों हेलीकॉप्टरों को लेकर उज्बेकिस्तान भाग गए थे। तब से सभी सातों हेलीकॉप्टर उज्बेकिस्तान में ही रहे।
अमेरिका ने कई देशों में इस हेलीकॉप्टर का किया इस्तेमाल
अमेरिका का UH-60A ब्लैक हॉक एक बहुमुखी और युद्ध-परीक्षणित हेलीकॉप्टर है। यह 1970 के दशक से अमेरिकी वायुसेना का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। सिकोरस्की एयरक्राफ्ट ने इस हेलीकॉप्टर को डिजाइन किया है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान के साथ-साथ खाड़ी देशों में युद्धों में किया है। इस हेलीकॉप्टर ने सोमाली गृहयुद्ध में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसके मजबूत डिजाइन और अनुकूलन क्षमता ने इसे दुनिया भर के सैन्य बलों के लिए पसंदीदा हेलीकॉप्टर बना दिया है। वहीं, उज्बेकिस्तान ने सभी सात हेलीकॉप्टर अमेरिका को सौंपकर अपनी रणनीतिक स्थिति का महत्व दिखाया है। क्योंकि अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैन्य हार्डवेयर को वापस लेने की कोशिश कर रहा है।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने जताई नाराजगी
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इस पूरे मामले पर तालिबान के अधीन अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने उन रिपोर्टों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है कि, पिछली सरकार के पतन के दौरान उज्बेकिस्तान को भेजे गए कुछ हेलीकॉप्टर अब संयुक्त राज्य अमेरिका को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। जब अमेरिकी सेना वापस लौट रही थी, तो 73 हेलीकॉप्टर अफगानिस्तान में ही छोड़ने पड़े थे। लेकिन सेना ने सभी हेलीकॉप्टरों को निष्क्रिय कर दिया था। इन विमानों को काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छोड़ दिया गया। तालिबान चाहकर भी इनका इस्तेमाल नहीं कर सकता।
हथियारों का जखीरा छोड़ गया है अमेरिका
इसके अलावा अमेरिका ने 40 हजार से ज्यादा ग्राउंड व्हीकल और 12000 ह्यूमवी व्हीकल अफगानिस्तान में छोड़े हैं। ऐसे हथियारों से किसी भी देश की सेना काफी मजबूत हो सकती है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि अफगानिस्तान में छोटे हथियारों समेत 300,000 से ज्यादा अलग-अलग हथियार छोड़े गए हैं। इनमें M4 राइफल से लेकर मशीन गन तक शामिल हैं। इसके अलावा 48 मिलियन डॉलर की कीमत के “स्पेशल हथियार” और करीब 15 लाख राउंड “नॉर्मल स्मॉल आर्म्स एम्यूनिशन” भी छोड़े गए हैं।
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