India News (इंडिया न्यूज), Pakistan:पाकिस्तानी मुस्लिम विद्वान मुफ्ती शाह मीर की शुक्रवार रात बलूचिस्तान के तुर्बत शहर में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मुफ्ती शाह मीर पर भारतीय व्यवसायी और भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद करने का आरोप था।
पाकिस्तान की मीडिया डॉन ने बताया, पुलिस ने बताया कि इस समय रमजान का महीना चल रहा है। मुफ्ती शाह मीर रमजान में तरावीह (रात की नमाज) अदा करने के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे थे, तभी बाइक सवार बंदूकधारियों ने मुफ्ती पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने बताया, आरोपी मोटरसाइकिल पर सवार थे और उन्होंने मुफ्ती शाह मीर पर गोलियां चलाईं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मुफ्ती को तुरंत तुर्बत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
कौन थे मुफ्ती शाह मीर?
मुफ्ती शाह मीर पर कई अवैध ऑपरेशन में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद करने का आरोप है। उन पर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में भी भूमिका निभाने का आरोप था। इसके साथ ही मुफ़्ती मीर पाकिस्तान की कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का सदस्य भी था। आईएसआई के सहयोगी के रूप में मीर कथित तौर पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में भी शामिल था।
उस पर भारत में आतंकवादी घुसपैठ को बढ़ावा देने का भी आरोप था। दक्षिण एशिया से परे, मीर अफ़गानिस्तान में भी सक्रिय था, जहाँ उसने कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाई और पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में विद्रोही समूहों पर नज़र रखी।
मार्च 2016 में, भारतीय व्यवसायी और भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को जैश अल-अदल के मुल्ला उमर ईरानी के नेतृत्व वाले एक समूह ने ईरान-पाकिस्तान सीमा से अगवा कर लिया और मीर सहित कई लोगों के ज़रिए जाधव को पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया।
नौसेना से समय से पहले सेवानिवृत्ति के बाद चाबहार (ईरान) में व्यवसाय कर रहे जाधव को झूठे आरोपों में पाकिस्तान में अगवा कर लिया गया और कैद कर लिया गया। अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे सुनियोजित हत्या बताया था। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फांसी पर रोक लगा दी थी और पाकिस्तान सरकार से भारत को राजनयिक पहुंच देने के अलावा सजा की समीक्षा करने को कहा था।
पुलिस जांच में जुटी
मीर जेयूआई-एफ पार्टी से जुड़ा था। मीर से पहले जेयूआई-एफ पार्टी के 2 सदस्यों की भी इसी तरह से मौत हो चुकी है। पिछले हफ्ते जेयूआई-एफ के वडेरा गुलाम सरवर और मौलवी अमानुल्लाह की बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद अब मुफ्ती मीर की भी हत्या कर दी गई है। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी है। इससे पहले भी मीर पर दो बार हमला हो चुका है।’