India News (इंडिया न्यूज़),Nepal: नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने रविवार को घोषणा की कि देश के संविधान में आवश्यक संशोधन के लिए सभी राजनीतिक दलों की सहमति सुनिश्चित की जाएगी। मंत्री ने संविधान संशोधन की आवश्यकता को महसूस करते हुए इसे संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य को मजबूत करने के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि संविधान में बदलाव का फैसला केवल दो दलों के बीच नहीं लिया जाएगा, बल्कि इसमें सभी राजनीतिक दलों की सहमति ली जाएगी। रमेश लेखक ने एक मीडिया से बात करते हुए कहा कि संविधान संशोधन के लिए शुरुआती बातचीत शुरू हो गई है। यह मुद्दा केवल नेपाली कांग्रेस (एनसी) और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन यूएमएल) के बीच ही नहीं सुलझेगा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में संविधान संशोधन की मांग तेज हो गई है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हो सकते हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार संविधान संशोधन के लिए सभी दलों से बातचीत जारी रखेगी, ताकि सभी की सहमति ली जा सके।
गठबंधन में कोई मतभेद नहीं
ऐसे होगा संविधान में संशोधन गृह मंत्री ने यह भी बताया कि फिलहाल नेपाल के दो प्रमुख राजनीतिक दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) के बीच गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन आगामी आम चुनाव तक जारी रहेगा और इसका उद्देश्य देश में स्थिरता को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को रोकना, सुशासन को मजबूत करना और विकास गतिविधियों में तेजी लाना है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान संशोधन को लेकर किसी भी राजनीतिक दल से परे सर्वदलीय सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता है।
विपक्षी नेता रबी लामिछाने की गिरफ्तारी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रमेश लेखक ने कहा कि सरकार किसी भी नागरिक के मानवाधिकारों के प्रति पूरी तरह सजग है। उन्होंने कहा कि रबी लामिछाने के खिलाफ की जा रही जांच कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें किसी भी तरह की बदले की भावना नहीं है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत चल रहा है और सरकार किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं करेगी।
नेपाल सरकार पर उठे सवाल
वहीं, नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता प्रकाश शरण महत ने सरकार द्वारा विदेशों से कर्ज लेने पर विचार करते हुए चेतावनी दी कि सरकार को जरूरत के मुताबिक ही कर्ज लेना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के बाद कर्ज चुकाना नेपाल के लिए चुनौती बन गया है। इस बीच नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जुलाई में चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और नेपाली कांग्रेस समेत अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार बनाई है। यह देश में विकास और सुधार की दिशा में काम कर रही है।
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