India News (इंडिया न्यूज), Prediction Of Earth End: वैज्ञानिकों ने हमारी पृथ्वी के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगले कुछ लाख सालों में पृथ्वी पर कोई भी जीव जीवित नहीं रह पाएगा। पृथ्वी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। वैज्ञानिकों ने विनाश की तारीख भी बता दी है।
सामने आई विनाशकारी तारीख
जी हां, आपको बता दें कि हर चीज़ का अंत होता है। जिस तरह धरती पर पहला जीवन शुरू हुआ, उसी तरह आखिरी जीवन का भी अंत एक दिन आएगा। ऐसे में हमारी धरती पर एक दिन ऐसा आएगा जब सभी जीव-जंतु नष्ट हो जाएंगे। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है कि एक दिन पृथ्वी पर मनुष्य और जानवर समेत कोई भी जीवित प्राणी जीवित नहीं रह पाएगा और पृथ्वी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके यह शोध किया, जिसमें पता चला कि अगले 250 मिलियन वर्षों के बाद पृथ्वी पर बाढ़ आने की संभावना है।
लुप्त हो जाएंगे मनुष्य
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतु, जिनमें मनुष्य भी शामिल है, लुप्त हो जाएंगे। उस समय धरती का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे वातावरण में धरती पर कोई भी जीव-जंतु या मनुष्य जीवित नहीं रह पाएगा। गर्मी के कारण सब कुछ नष्ट हो जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस दर से हम पृथ्वी पर कार्बन की मात्रा बढ़ा रहे हैं, उसके कारण यह विलुप्ति जल्द ही होने की संभावना है। 66 मिलियन साल पहले भी ऐसी ही घटना हुई थी और कहा जाता है कि डायनासोर का सफाया हो गया था।
रिसर्च टीम के प्रमुख एलेक्जेंडर फ़ार्न्सवर्थ ने कहा, ‘उस समय यानी 660 मिलियन साल पहले दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा आज से दोगुनी थी। इससे शरीर गर्म हो जाता था और लोग मर जाते थे। फिर धरती के सभी महाद्वीप आपस में जुड़ गए और सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया अल्टिमा का निर्माण हुआ।
इस तरह धरती का होगा विनाश
वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पहले गर्म होगी, फिर सूख जाएगी और अंततः रहने लायक नहीं रहेगी। इसके अलावा, ज्वालामुखी तब फटते हैं जब वो गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाते और कहा जाता है कि पृथ्वी का ज़्यादातर हिस्सा ज्वालामुखियों से ढका हुआ है। ऐसे में जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म होगी, ज्वालामुखी भी फटेंगे और जीवन खत्म हो जाएगा। ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हमारे वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड निकलेगा, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग तड़प-तड़प कर मरेंगे। यही हाल अन्य जीवों का भी होगा। धीरे-धीरे सभी जीव नष्ट हो जाएंगे।