India News (इंडिया न्यूज), Indus Waters Treaty : भारत की वाटर स्ट्राइक के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान में भूचाल मचा हुआ है। जल सिंधु समझौता स्थगित करने के बाद से पड़ोसी देश में हाय तौबा देखने को मिल रहा है। भारत के इस फैसले का असर अब पाक में देखने को मिल रहा है। सिंधु बेसिन में पानी का फ्लो तेजी से कम हो रहा है। इसके चलते पाकिस्तान पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा है।
पानी छोड़ने में 15 प्रतिशत की आई कमी
रविवार (8 जून, 2025) को सीएनएन-न्यूज18 ने आधिकारिक पाकिस्तानी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल की तुलना में प्रमुख बांधों से पानी छोड़ने में 15 प्रतिशत की कमी आई है। इस भारी गिरावट ने प्रमुख जलाशयों को उनके मृत भंडारण स्तर के करीब पहुंचा दिया है, जिससे महत्वपूर्ण खरीफ फसल के मौसम से पहले चिंताएँ बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 5 जून को पाकिस्तान के पंजाब में छोड़ा गया कुल पानी 1.24 लाख क्यूसेक था, जो पिछले साल इसी तारीख को दर्ज किए गए 1.44 लाख क्यूसेक से कम है। खैबर पख्तूनख्वा में तरबेला बांध का जलस्तर 1,465 मीटर पर था, जो 1,402 मीटर के मृत स्तर से थोड़ा ऊपर था।
पाकिस्तान में बांधों का हाल
पाकिस्तान के पंजाब में सिंधु नदी पर चश्मा बांध का जलस्तर 644 मीटर पर था, जो इसके 638 मीटर के मृत स्तर के करीब था। मीरपुर में झेलम पर मंगला बांध का जलस्तर 1,163 मीटर तक गिर गया, जो इसकी 1,050 मीटर की सीमा के करीब था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सियालकोट के माराला में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां चेनाब नदी का प्रवाह 28 मई को 26,645 क्यूसेक से नाटकीय रूप से गिरकर 5 जून तक केवल 3,064 क्यूसेक रह गया।
खाद्यान्न भंडार पर बड़ा संकट
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में स्थिति स्पष्ट रूप से गंभीर है, खासकर जून से सितंबर तक के खरीफ सीजन के लिए। पाकिस्तान में अब खरीफ की शुरुआती अवधि के दौरान 21 प्रतिशत पानी की कमी का अनुमान है। इसके कारण देश के खाद्यान्न भंडार पंजाब में कृषि उत्पादन खतरे में है।
भारत को 4 बार पत्र लिख चुका है पाक
जब से भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया है, तब से पाकिस्तान ने इस पर पुनर्विचार करने के लिए नई दिल्ली को कई पत्र लिखे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने हाल ही में बताया कि पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चार पत्र लिखे हैं।