India News (इंडिया न्यूज), Thermonuclear Bomb : इस वक्त पूरी दुनिया में जैसे हालात बने हुए हैं। उसे देखकर तो ऐसा लगता है कि किसी भी वक्त एक छोटी सी चिंगारी तीसरे विश्व युद्ध को शुरू कर सकती है और अगर इस बार विश्व युद्ध शुरू हुआ तो इसमें न्यूक्लियर बम के इस्तेमाल की संभावना काफी ज्यादा है। अगर न्यूक्लियर वॉर शुरू हुआ तो समझ जाएं कि दुनिया का अंत करीब आ गया है। ​न्यूक्लियर बम को दुनिया का सबसे खतरनाक बमों में से एक माना जाता है।​ लेकिन क्या आपको पता है कि परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक कौन-सा बम होता है? परमाणु बम से ज्यादा खतरनाक थर्मोन्यूक्लियर बम होता है।

​​थर्मोन्यूक्लियर बम, परमाणु बम का ही एक अपग्रेड वर्जन है, इसमें परमाणु संलयन का प्रयोग किया जाता है। बता दें कि ​​थर्मोन्यूक्लियर बम फिशन और फ्यूजन दोनों प्रतिक्रियाओं पर आधारित होता है। ​बता दें कि ​​थर्मोन्यूक्लियर बम की क्षमता परमाणु बम की तुलना में 1000 गुना अधिक होती है।​ इससे आप इसकी क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं।

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हाइड्रोजन बम का इतिहास

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, हाइड्रोजन बम का पहला परीक्षण 1952 में अमेरिका ने किया था। इसके बाद 1953 में रूस ने इसका परीक्षण किया और इसके बाद कई अन्य देशों ने भी इस खतरनाक हथियार की क्षमता को समझते हुए इसे अपने पास रखना शुरू कर दिया। सबसे पहले अमेरिका और रूस ने इस बम को विकसित किया, इसके बाद ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान और इजरायल जैसे देशों ने भी इस बम का परीक्षण किया और इसे अपनी सेनाओं का हिस्सा बनाया।

इन देशों के पास है हाइड्रोजन बम

सबसे पहले अमेरिका (1952) ने सबसे पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। इसके बाद रूस (1953) में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। फिर ब्रिटेन (1957), चीन (1967), फ्रांस(1968), फिर भारत (1998) ने पोखरण में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करके वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। इसके बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान (1998) में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। वहीं कई सारी फ्रंट पर लड़ाई लड़ रहा इजरायल के पास भी हाइड्रोजन बम है, लेकिन उसने कभी भी बम के परीक्षण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

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