India News (इंडिया न्यूज),India Pakistan Conflict: पहलगाम हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से भारत मे पाक के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं। जिसके बाद से दोनों देश जंग के मुहाने पर खड़े हैं। अगर जंग हुआ तो पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में हथियारों की जरूरत पड़ेगी। लेकिन कई रिपोर्ट्स में ये खुलासा किया गया है कि पाक इस समय हथियारों की कमी से जूझ रहा है। वहीं तनाव के बीच पाकिस्तान की सहाय़ता के लिए तुर्की ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है। अंकारा से तुर्की वायुसेना के सी-130 विमान के कराची पहुंचने के कुछ दिनों बाद ही रविवार को तुर्की नौसेना का एक युद्धपोत कराची बंदरगाह पर पहुंचा। जिससे एक बार फिर भारत की चिंता बढ़ गई है।
7 मई तक कराची में रहने की उम्मीद
तुर्की नौसेना के एडा-क्लास एएसडब्ल्यू कोरवेट्स का दूसरा जहाज टीसीजी बुयुकाडा 7 मई तक कराची में रहने की उम्मीद है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, जहाज का आगमन तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नेजीरोग्लू द्वारा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात और ‘पाकिस्तान के साथ अंकारा की एकजुटता’ व्यक्त करने के एक दिन बाद हुआ है। पाकिस्तानी नौसेना के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि टीसीजी बुयुकाडा की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना है।
बयान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ बढ़ाना और समुद्री सहयोग को मजबूत करना है। जबकि पाक मीडिया इस बात पर जोर दे रहा है कि यह भारत के खिलाफ तुर्की और पाकिस्तान की एकजुटता का नतीजा है। कराची पहुंचने से पहले जहाज ने 29 अप्रैल से 1 मई के बीच ओमान के बंदरगाह का दौरा किया। इससे पहले जहाज मलेशिया के लिए रवाना हुआ था। तुर्की के अधिकारियों ने पहले कहा था कि यह यात्रा केवल ‘सद्भावना’ के लिए थी।
कितना शक्तिशाली है युद्धपोत?
TCG Büyükada तुर्की नौसेना के पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) कोरवेट की Ada-क्लास श्रृंखला का दूसरा जहाज है। इसे 2013 में तुर्की के MİLGEM राष्ट्रीय युद्धपोत कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कमीशन किया गया था। इन जहाजों को सतही युद्ध, पनडुब्बी रोधी अभियानों और गश्ती अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है।जहाज उन्नत रडार सिस्टम, 76 मिमी नौसैनिक बंदूकें, जहाज विरोधी मिसाइलों और टारपीडो लांचर से लैस है। इसमें समुद्री विमानन संचालन का समर्थन करने के लिए एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग पैड और हैंगर भी है। यह कोरवेट खुले समुद्र में काम कर सकता है और इसकी रेंज विस्तारित क्षेत्रीय मिशनों के लिए पर्याप्त है।
दोनों देशों के बीच गहरे रक्षा संबंध
ऐसे समय में जब भारत के साथ तनाव चरम पर है, तुर्की वायुसेना के विमान और अब नौसेना के जहाज का पाकिस्तान में आना गंभीर चिंता को जन्म दे रहा है।दोनों देशों के बीच गहरे रक्षा संबंध हैं और हाल ही में दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अतातुर्क-XIII’ किया था, जिसमें दोनों विशेष बलों की लड़ाकू टीमों ने एक साथ अभ्यास किया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने 2022 में तुर्की के साथ एक समझौता भी किया है, जिसके तहत तुर्की पाकिस्तानी नौसेना के लिए चार MİLGEM कोरवेट बनाएगा। दो जहाज इस्तांबुल में बनाए जाएंगे, जबकि बाकी दो पाकिस्तान के कराची शिपयार्ड में बनाए जाएंगे। पहले जहाज पीएनएस बाबर का निर्माण पूरा हो चुका है।