India News (इंडिया न्यूज), Muslim Country Rule: बकरीद मुसलामानों का दूसरा बड़ा त्यौहार है। वहीँ इस्लाम धर्म के मुताबिक कई जानवरों की कुर्बानी करना मुसलामानों पर फर्ज मानी जाती है। वहीँ बकरीद के मौके पर हर मुस्लिम देश में कुर्बानी की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा है जहाँ अब जानवरों की कुर्बानी नहीं दी जाएगी। वहीँ हैरान कर देने वाली बात ये है कि वो एक मुस्लिम देश है। तो आपको बता दें जिस देश में अब कुर्बानी नहीं होगी वो मोरक्को है। जी हाँ इस देश के राजा मोहम्मद VI ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। उस आदेश में मोरक्को के राजा ने ल लोगों से कहा है कि वो इस साल ईद-उल-अजहा पर भेड़ों को हलाल करने की रस्म न निभाएं। जी हाँ इस देश में अब भेड़ों पर कुर्बानी नहीं होगी।

  • इस ईद नहीं होगी इस जानवर की कुर्बानी
  • इस वजह से नहीं होगी कुर्बानी
  • बिहार तक मचा हंगामा

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इस ईद नहीं होगी इस जानवर की कुर्बानी

जैसा की आप सभी जानते हैं कि इस आने वाली जून में ईद अल-अज़हा होगी। लेकिन इस ईद पर मोरक्को में भेड़ों की कुर्बानी नहीं होगी। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर जानवरों की कुर्बानी क्यों दी जाती है। तो आपको बता दें कि अब्राहम के जरिए अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे की कुर्बानी देने की इच्छा की याद में इस ईद को मनाया जाता है जाती है। इस दौरान पूरी दुनिया में ही मुसलमान भेड़ या बकरियों को हलाल कर के इस त्यौहार को ख़ुशी से मनाते हैं। मांस को परिवार के बीच बांटा जाता है और गरीबों को दान कर दिया जाता है।

इस वजह से नहीं होगी कुर्बानी

जानकारी के मुताबिक, मोरक्को में ये फैसला इसलिए लिया गया है क्यूंकि लगातार सूखे की वजह से नौ साल पहले की पिछली जनगणना के बाद से 2025 में मोरक्को के मवेशियों और भेड़ों की तादाद में 38 फीसद की कमी आई है। इस दौरान वहां के राजा ने एक पत्र में कहा कि, आपको बेस्ट कंडीशन में इस मजबही रस्म को पूरा करने में कामयाब बनाने की हमारी प्रतिबद्धता के साथ-साथ हमारे देश के सामने मौजूद जलवायु और आर्थिक चुनौतियों पर विचार करने का फर्ज भी है, जिसकी वजह पशुधन की तादाद में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

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बिहार तक मचा हंगामा

वहीँ बिहार के कई मुस्लिम संगठन इस मामले पर भड़क उठे हैं। जिसके चलते भारतीय मुसलामानों का कहना है कि इस्लाम में कुर्बानी अल्लाह का हुक्म है, जिसे इब्राहिम अलैहे सलाम की सुन्नत बताते हुए उनके बेटे इस्माइल को अल्लाह के हुक्म के फरमान पर कुर्बान करने से शुरू हुआ। जो पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे ओसल्लम जो इस्लाम धर्म के आखिरी नबी और अल्लाह के प्यारे रसूल है। इस दौरान बिहार के मुसलामानों ने कहा कि ये रिवाज कयामत तक चलता रहेगा।

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