India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump On Panama Canal : पनामा नहर को लेकर इस वक्त चीन और अमेरिका आमने-सामने खड़े हैं। अब इसी कड़ी में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के रणनीतिक हितों की रक्षा और चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए इस महत्वपूर्ण जलमार्ग पर नियंत्रण को अहम बताया है। इसके बाद से पनामा नहर के आसपास के भू-राजनीतिक परिदृश्य एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाइट हाउस ने अमेरिकी सेना को पनामा में सैन्य उपस्थिति बढ़ाने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया है।
अमेरिका के इस कदम के पीछे चीन के आर्थिक और सामरिक प्रभाव को बताया जा रहा है। वैसे ट्रंप प्रशासन की तरफ से अभी तक इस प्लान को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। पर अलग-अलग रिपोर्ट्स में पनामा की सुरक्षा बलों के साथ सहयोग बढ़ाने से लेकर, नहर पर सैन्य नियंत्रण स्थापित करने तक के विकल्पों पर विचार किए जाने की बात कही गई है।
अमेरिका को इस बात का डर है कि चीन द्वारा समर्थित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उपयोग भविष्य में सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, लेकिन पनामा और चीन दोनों की तरफ से नहर पर किसी भी प्रकार के चीनी नियंत्रण के दावों का खंडन किया है।
ट्रंप का पनामा नहर को लेकर प्लान
ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के शुरूआत से ही पनामा नहर पर नजर गड़ा कर बैठे हैं। ट्रंप किसी भी हाल में पनामा नहर को अपने कब्जे में लेना चाहता है, लेकिन यहां पर चीन उसके लिए सिर र्दद बना हुआ है। इसी वजह से यूएस साउदर्न कमांड द्वारा प्रस्तावित विकल्पों में मौजूदा बंदरगाहों की सुरक्षा बढ़ाना, नए बंदरगाहों का निर्माण, शिपिंग मार्गों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सैन्य कर्मियों की तैनाती और यहां तक कि 1999 में बंद किए गए अमेरिकी सेना के जंगल युद्ध प्रशिक्षण स्कूलों को फिर से खोलने की बात सामने आई है।
अमेरिका के आरोपों को पनामा के राष्ट्रपति ने खारिज किया है और नहर पर चीनी सैन्य नियंत्रण के दावों को बकवास करार दिया है। दूसरी ओर, चीन ने अमेरिका पर शीत युद्ध मानसिकता अपनाने और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है।