India News (इंडिया न्यूज), Trump New Plan For China : इस वक्त अमेरिका, रूस के साथ-साथ चीन की चुनौतियों का सामना कर रहा है। ट्रंप का इस वक्त पूरा ध्यान रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करवाने पर लगा हुआ है। लेकिन ऐसी धारणा भी बनी हुई है कि अमेरिका के लिए असली खतरा बीजिंग है। अब इस कड़ी में एक रिपोर्ट्स की माने तो अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता चीन है, खासकर के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में, जहां भारत उसका सबसे ताकतवर सहयोगी है।
बीजिंग है असली खतरा
वहीं ये चर्चा इस वक्त और तेजी से इसलिए ज्यादा फैल रही है क्योंकि ट्रंप ने रक्षा नीति के लिए अंडर सेक्रेटरी पद के लिए एल्ब्रिज कोल्बी को नामित। एल्ब्रिज कोल्बी ट्रंप प्रशासन के सबसे मुखर अधिकारियों में से एक हैं, जो यह तर्क देते हैं कि अमेरिका को अपना ध्यान यूरोप और रूस से हटाकर चीन और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की बढ़ती चुनौतियों पर केंद्रित करना चाहिए। अगर सीनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो यह धारणा और मजबूत हो जाएगी कि वॉशिंगटन के लिए असली खतरा बीजिंग है, न कि मॉस्को।
एल्ब्रिज कोल्बी का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अमेरिकी हितों के लिए सबसे बड़ा खतरा इंडो-पैसिफिक पर संभावित चीनी वर्चस्व है, जो अमेरिका की सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्धि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। फाइनेंशियल टाइम्स में वो इसको लेकर लेख भी लिख चुके हैं।
ताइवान को लेकर भी दे चुके हैं बड़ा बयान
बता दें कि पिछले हफ्ते सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की बैठक में एल्ब्रिज कोल्बी को सुनवाई के दौरान कठिन सवालों का सामना करना पड़ा था। सुनवाई के दौरान सीनेटर कॉटन ने कोल्बी से सवाल किया था कि, पिछले कुछ वर्षों में आपने कहना शुरू किया कि ताइवान हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह कोई अस्तित्वगत संकट नहीं है और न ही यह हमारी सुरक्षा के लिए अनिवार्य है. क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ताइवान की रक्षा पर आपके रुख में यह नरमी क्यों आई?
इस सवाल का जवाब देते हुए कोल्बी ने कहा था कि उन्होंने हमेशा ताइवान को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना है, लेकिन इसे अस्तित्व का सवाल नहीं बताया। उन्होंने तर्क दिया कि यह विचार अमेरिका और चीन के बीच सैन्य संतुलन में आए बदलाव के आधार पर है।