India News (इंडिया न्यूज), Trump-Musk Clash : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें अरबपति एलन मस्क से बात करने में विशेष रूप से कोई दिलचस्पी नहीं है, उन्होंने टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ को “अपना दिमाग खो चुके व्यक्ति बताया है।
यह टिप्पणी दो पूर्व सहयोगियों के बीच सार्वजनिक विवाद के बीच आई है, जो व्यक्तिगत और राजनीतिक हमलों के साथ एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के जवाब में की गई थी, जिनमें कहा गया था कि दोनों निजी तौर पर बात करने वाले थे। लेकिन अब ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा।
ट्रंप-मस्क के बीच गहरी होती जा रही खाई
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच हाई-प्रोफाइल गठबंधन नाटकीय रूप से एक तीखे सार्वजनिक झगड़े में बदल गया है, जिसमें दोनों ने तीखे आरोपों का आदान-प्रदान किया है। विवाद तब शुरू हुआ जब डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में एलन मस्क की सार्वजनिक रूप से आलोचना की, ऐसे कानून का समर्थन किया जो इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जिसका सीधा असर टेस्ला पर पड़ सकता है।
जवाब में, एलन मस्क ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पलटवार करते हुए दावा किया कि उनके वित्तीय और रणनीतिक समर्थन के बिना, डोनाल्ड ट्रम्प 2024 का चुनाव हार जाते। अमेरिकी राष्ट्रपति को “अहसान फरामोश” कहते हुए – कहा, “मेरे बिना, ट्रंप हार जाते। ”
इसके बाद एलन मस्क ने एक धमाकेदार दावा किया कि जेफरी एपस्टीन से संबंधित सीलबंद फाइलों में डोनाल्ड ट्रम्प का नाम दिखाई देता है, यह सुझाव देते हुए कि यही कारण है कि दस्तावेज़ छिपे हुए हैं। उन्होंने लिखा, “वास्तव में बड़ा बम गिराने का समय आ गया है – डोनाल्ड ट्रंप एपस्टीन फाइलों में हैं।”
दोनों की लड़ाई में हुई रूस की एंट्री
अब इस विवाद में रूस भी कूद पड़ा है। रूस के स्टेट ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष दिमित्री नोविकोव ने कहा कि अगर मस्क को राजनीतिक शरण की जरूरत है तो रूस उन्हें खुशी-खुशी शरण देगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मस्क ‘अलग खेल खेल रहे हैं’ और हो सकता है कि उन्हें शरण की जरूरत न पड़े।
वहीं, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो रूस ‘डी एंड ई’ यानी ट्रंप और एलन मस्क के बीच शांति वार्ता कराने के लिए तैयार है।
हालांकि, क्रेमलिन ने इस पूरे विवाद पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि ‘यह अमेरिका का आंतरिक मामला है और हम इसमें दखल नहीं देना चाहते। हमें पूरा भरोसा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस स्थिति को खुद ही संभाल लेंगे।’
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