India News (इंडिया न्यूज),Greenland:अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय पूरे जोश में नजर आ रहे हैं। उन्होंने खुलेआम ऐलान किया है कि वह ग्रेटर अमेरिका बनाएंगे। इसके लिए वह कनाडा, पनामा नहर और ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाना चाहते हैं। ट्रंप की मंशा डेनमार्क से ग्रीनलैंड वापस लेने की है, इस मिशन पर वह अपने बेटे ट्रंप जूनियर को पहले ही ग्रीनलैंड भेज चुके हैं। ट्रंप की ग्रीनलैंड में इतनी दिलचस्पी देखकर लोगों में यह जिज्ञासा भी है कि आखिर ग्रीनलैंड में ऐसा क्या हो गया है कि ट्रंप इसके लिए इतने अधीर हो रहे हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप

दरअसल ग्रीनलैंड 2.16 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है जो डेनमार्क के अधीन एक स्वायत्त क्षेत्र है। सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से यह अमेरिका के लिए बेहद खास है। खनिजों का भंडार है ग्रीनलैंड ग्रीनलैंड की बात करें तो वहां दुर्लभ खनिजों का भंडार है। वहां तेल और गैस भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है, एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 बिलियन बैरल। बर्फ पिघलने से भविष्य में नए समुद्री मार्ग खुलने की भी संभावना है। सबसे खास बात यह है कि 2023 में प्रकाशित एक भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका द्वारा विशेष माने जाने वाले 50 खनिजों में से 37 ग्रीनलैंड में मध्यम या उच्च मात्रा में पाए जा सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में ग्रीनलैंड में इनके उत्पादन में चीन का दबदबा है।

56 हजार आबादी

ग्रीनलैंड की आबादी सिर्फ 56 हजार है और इसकी जीडीपी 3.3 बिलियन डॉलर है। ग्रीनलैंड के शामिल होने से समुद्री व्यापार पर अमेरिका का दबदबा स्थापित होगा और आर्कटिक में नए व्यापार मार्गों पर भी बढ़त मिलेगी।

दुनिया का 7 प्रतिशत ताजा पानी

खनिजों के अलावा ग्रीनलैंड ताजे पानी के लिए भी खास है। ग्रीनलैंड द्वीप का करीब एक चौथाई हिस्सा बर्फ की चादर से ढका हुआ है। जिसके अंदर दुनिया के ताजे पानी के भंडार का 7 प्रतिशत है। अगर ट्रंप ग्रीनलैंड को हासिल करने में सफल हो जाते हैं तो अमेरिका रणनीतिक रूप से काफी मजबूत हो सकता है और भविष्य के कई खतरों से अमेरिका को बचाया जा सकता है।

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