India News (इंडिया न्यूज), Turkish Apples Boycott: भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान तुर्की ने सबसे पहले पाकिस्तान का साथ दिया था। जिसके बाद से भारत में तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार होने लगा है, खास तौर पर सेब का। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की थी, जिसमें ड्रोन की सप्लाई भी शामिल थी। तुर्की की इस सच्चाई के सामने आने के बाद से ही भारत में बहिष्कार का चलन तेजी से चल रहा है।

तुर्की से भारत में कितना सेब आयात किया गया

आपको बता दें, 2021-22 में 563 करोड़ रुपये, 2022-23 में 739 करोड़ रुपये और 2023-24 में 821 करोड़ रुपये के सेब तुर्की से भारत भेजे गए। तुर्की से सेब का आयात लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते भारतीय बाजार सस्ते और सब्सिडी वाले आयातित सेबों से भर गया। इसका सीधा असर घरेलू बागवानों की आय और बाजार हिस्सेदारी पर पड़ा है।

तुर्की के सेबों की मांग में 50% की गिरावट

तुर्की के सेब अपनी गुणवत्ता और कीमत के कारण भारत में बहुत लोकप्रिय हैं। लेकिन हाल के दिनों में इनका बहिष्कार बढ़ गया है। जिसके कारण मांग में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। बहिष्कार के कारण व्यापारी अब कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, वाशिंगटन, ईरान और न्यूजीलैंड से ऑर्डर कर रहे हैं।

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तुर्की को होगा भारी नुकसान

इससे तुर्की को भारी नुकसान होगा। तुर्की के सेबों की मांग भारतीय बाजारों में ऑफ सीजन में भी बनी रहती है। अगर भारतीय सेबों की बात करें तो साल के कुछ महीनों में ये भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। लेकिन जब ऑफ सीजन होता है तो भारत में आयातित सेबों पर निर्भरता बढ़ जाती है। आपको बता दें, तुर्की के सेब आमतौर पर मीठे और रसीले होते हैं, जिसके कारण इनकी मांग भारतीय सेबों से कहीं ज्यादा होती है।

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