India News (इंडिया न्यूज), Erdogan On Kashmir Issue : कश्मीर मुद्दे पर तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोगन एक बार फिर आ कुदे हैं। एर्दोगन ने भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से मध्यस्थता की इच्छा जताई है। 17 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ हुई बातचीत में उन्होंने ये बात कही हैं।
एर्दोगन की तरफ से कहा गया कि तुर्किए दोनों देशों के बीच संतुलन बनाकर मानवाधिकार-आधारित समाधान में योगदान देने को तैयार है। लेकिन भारत का शुरूआत से ही स्टैंड साफ है कि कश्मीर देश का आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती है।
तुर्किए ने पाकिस्तान को दिए ड्रोन और हथियार
दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए सैन्य टकराव के दौरान तुर्किए ने पाकिस्तान को उन्नत ड्रोन तकनीक और हथियार उपलब्ध कराए थे, जिनका पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। लेकिन उनमें से कोई भी भारतीय डिफेंस सिस्टम को पार नहीं कर सका।
इसकी वजह से तुर्किए की भूमिका को लेकर भारत में गंभीर नाराजगी है। देश में तेजी से तुर्किए के उत्पादों के बहिष्कार की मांग हो रही है। साल 2023 के विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत ने सबसे पहले ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेजी थी।
अब केवल POK पर होगी बात – भारत
भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत पाकिस्तान के साथ केवल अब आतंकवाद और POK के मुद्दे पर बातचीत होगी। सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक इस्लामाबाद द्वारा समर्थित सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से रोक नहीं दिया जाता।
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब एर्दोगन ने कश्मीर का मुद्दा उठाया हो, तुर्किए पाकिस्तान के साथ मिलकर इस मुद्दे का की अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में एर्दोगन ने कश्मीर को लेकर बयान दिया था, जिस पर भारत ने तीव्र विरोध जताया था।