India News (इंडिया न्यूज), Ukraine Neptune Missile: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए बातचीत चल रही है। अमेरिका और यूक्रेन के बीच 30 दिन के युद्ध विराम की पेशकश को लेकर पहले से ही बातचीत चल रही थी। इसके बाद आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत होने वाली है।

एक और जहां रूस और यूक्रेन का युद्ध रोकने की बात हो रही है। वहीं दूसरो ओर  दूसरी ओर यूक्रेन अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। ड्रोन के इस्तेमाल की खबरें आती रही हैं, लेकिन अब यूक्रेन ने अपने घर में बनी नेपच्यून क्रूज मिसाइल का नया वर्जन मैदान में उतारा है, जो लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।

लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम

यूक्रेन ने हाल ही में अपनी नई लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ‘लॉन्ग नेपच्यून’ का सफल परीक्षण किया है और इसका इस्तेमाल पहले भी रूस के खिलाफ युद्ध में किया जा चुका है। इस बारे में जानकारी देते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनकी सेना ने मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

लॉन्ग नेपच्यून मिसाइल क्या है?

लॉन्ग नेप्च्यून मिसाइल यूक्रेन की आर-360 नेप्च्यून एंटी-शिप मिसाइल का बड़ा और उन्नत संस्करण है। यह ट्रक से लॉन्च की जाने वाली सबसोनिक मिसाइल है, जिसे पहले केवल समुद्री लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन यूक्रेन ने इसे संशोधित करके ज़मीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम बनाया है। इसे यूक्रेनी रक्षा निर्माता ‘लुच डिज़ाइन ब्यूरो’ ने विकसित किया है।

पिछले साल यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने कहा था कि नेप्च्यून मिसाइलों का उत्पादन बढ़ा दिया गया है और अब इसे लंबी दूरी के हमलों के लिए अपग्रेड किया गया है। पहले यह मिसाइल 200 मील तक हमला कर सकती थी, लेकिन अब इसकी रेंज बढ़कर 1000 किलोमीटर हो गई है।

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रूस के अहम ठिकानों पर हमले

यूक्रेन ने पहले भी रूस के अहम ठिकानों पर हमला करने के लिए नेप्च्यून मिसाइल का इस्तेमाल किया है। 2022 में यूक्रेन ने इसी मिसाइल से रूस के ब्लैक सी फ्लीट के प्रमुख युद्धपोत ‘मोस्कवा’ को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस की अत्याधुनिक एयर डिफेंस बैटरियों और तेल टर्मिनलों पर भी किया गया है।

सूत्रों का कहना है कि पिछले हफ़्ते रूस के शहर तुआप्से में एक तेल रिफ़ाइनरी पर हमला करने के लिए लॉन्ग नेप्च्यून मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। यह रिफ़ाइनरी युद्ध क्षेत्र से 300 मील दूर स्थित थी। माना जा रहा है कि यह हमला रूस की ऊर्जा आपूर्ति को नुकसान पहुँचाने और उसकी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करने के लिए किया गया था।

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