India News (इंडिया न्यूज), Unesco Report On School Child Nutrition: दुनिया में आधे से ज्यादा बच्चे भूखे पेट पढ़ाई कर रहे हैं, यह चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में आई यूनेस्को की रिपोर्ट में हुआ है। दरअसल, यूनेस्को ने हाल ही में फ्रांस द्वारा आयोजित “Education and Nutrition: Learn to Eat Well” रिपोर्ट जारी की थी। इसमें दुनिया भर के स्कूलों में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के बारे में बताया गया है और इसमें सुधार का आग्रह किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 53 फीसदी बच्चों को स्कूल में भोजन नहीं दिया जा रहा है, प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले सिर्फ 47 फीसदी बच्चों को ही यह सुविधा मिल रही है।
रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बच्चों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, अगर इस गुणवत्ता में सुधार किया जाए तो स्कूलों में बच्चों के नामांकन और उपस्थिति दर को बढ़ाया जा सकता है। यूनेस्को की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया भर के 27 फीसदी स्कूलों में बिना पोषण विशेषज्ञों के भोजन तैयार किया जा रहा है। यह भी सामने आया कि कुल 187 देशों में से सिर्फ 93 देशों में ही स्कूल फूड पॉलिसी को नियंत्रित करने वाला कानून है। इसके अलावा सिर्फ 65 फीसदी देशों में ही कैफेटेरिया और वेंडिंग मशीनों से बिकने वाले खाने के लिए खास मानक हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भोजन में गुणवत्ता की कमी के कारण 1990 के बाद से बचपन में मोटापे की दर दोगुनी हो गई है। इसके बावजूद लाखों बच्चों तक पौष्टिक भोजन नहीं पहुंच पा रहा है।
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भारत में क्या है स्थिति?
रिपोर्ट बताती है कि किन देशों ने भोजन की गुणवत्ता सुधारने की सफल पहल की है। इसमें ब्राजील पहले नंबर पर है, जहां नेशनल स्कूल फीडिंग प्रोग्राम में प्रोसेस्ड फूड पर रोक लगाई गई है, ताकि बच्चों को अच्छा भोजन मिल सके। इसके अलावा चीन में भी स्कूली बच्चों के भोजन में डेयरी फूड और सब्जियां शामिल की गई हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसी पहल से व्यापक सुधार आया है। नाइजीरिया में घर-घर जाकर स्कूलों में भोजन उपलब्ध कराने की योजना की जानकारी दी जा रही है, जिससे बच्चों के नामांकन दर में 20 फीसदी का सुधार हुआ है। इसके अलावा भारत के महाराष्ट्र में फोर्टिफाइड जैविक मोती बाजरा का भोजन उपलब्ध कराने से भी किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
यूनेस्को ने की यह अपील
यूनेस्को ने रिपोर्ट में यह भी अपील की है कि सरकारों को बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में ताजे फल और साबुत अनाज शामिल करना चाहिए। इसके अलावा चीनी युक्त भोजन और प्रोसेस्ड फूड पर रोक लगाई जानी चाहिए। बच्चों को यह भी बताया जाना चाहिए कि उनके लिए किस तरह का भोजन बेहतर है। इसके लिए यूनेस्को ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार किया है।
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