India News (इंडिया न्यूज), PM Modi New Deal Is Big Shock For Pakistan: पहलगाम में बहे 26 भारतीय नागरिकों के खून के बाद देश की सरकार गुस्से में है। न्याय और बदले की चीखों के बीच पीएम मोदी दोषियों को ‘कल्पना से परे’ सजा देने की प्लानिंग। पाकिस्तान का पानी तो बंद कर ही दिया गया था और अब पीएम मोदी ने शहबाज शरीफ से उनका आखिरी सहारा भी छीन लिया है। भारत के प्रधानमंत्री ने खुद दुनिया के उस ताकतवर देश के साथ बड़ी डील कर ली है, जो कभी पाकिस्तान का मसीहा हुआ करता था। ये डील पूरे पाकिस्तान के लिए काला साया साबित हो सकती है।

क्या है Pakistan के होश उड़ाने वाली डील?

दरअसल, 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान को सबसे बड़ा सपोर्ट अमेरिका से मिला था लेकिन अब ये इक्वेशन बदल चुका है। अब अमेरिका ने भारत के साथ डील कर ली है। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध तनावपूर्ण हैं। इस बीच, भारत और अमेरिका ने एक रक्षा सौदा किया है। अमेरिका, भारत को समुद्री निगरानी तकनीक बेचेगा। 13 करोड़ डॉलर का यह सौदा इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत किया गया है। जिसके जरिए भारत की समुद्री सीमाओं की कड़ी निगरानी की जाएगी। डील फाइनल हो चुकी है और भारत, अमेरिका से सी विजन सॉफ्टवेयर खरीदेगा।

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। इस बीच, भारत ने अमेरिका के साथ एक बड़ा रक्षा सौदा किया है। अमेरिका, भारत को समुद्री निगरानी तकनीक और उपकरण बेचेगा। यह सौदा IPMDA प्रोग्राम के तहत होगा। इसका मकसद भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा को बढ़ाना है। यह सौदा 13 करोड़ डॉलर का है।

कैसे और ताकतवर बन जाएगी Indian Army?

भारत ने अमेरिका के साथ जो डील की है, उसके तहत Sea Vision सॉफ्टवेयर, टेक्निकल असिस्टेंस फील्ड टीम (TAFT) ट्रेनिंग, रिमोट सॉफ्टवेयर एंड एनालिटिक सपोर्ट जैसे वो उपकरण खरीदे जाएंगे जो भारतीय आर्मी को और पावरफुल बनाएंगे। बता दें Sea Vision सॉफ्टवेयर एक वेब-आधारित सॉफ्टवेयर है। यह समुद्री गतिविधियों पर नजर रखता है। भारत की जरूरतों के अनुसार इसमें कुछ बदलाव भी किए गए हैं। यह सॉफ्टवेयर जहाजों की गतिविधियों, अवैध गतिविधियों और समुद्री खतरों पर नजर रखने में मदद करेगा।

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इसके अलावा TAFT में अमेरिकी विशेषज्ञों की एक टीम भारत आएगी और इन उपकरणों के बारे में भारतीय नौसेना और अन्य बलों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जाहिर है कि इस सौदे से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा। अमेरिका का मानना है कि भारत इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है।

इस डील को लेकर अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि ‘यह सौदा क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को प्रभावित नहीं करेगा और न ही इसके लिए अमेरिकी सैन्य कर्मियों को भारत में तैनात करने की जरूरत पड़ेगी’।