India News (इंडिया न्यूज), Us senate Tulsi gabbard: अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद पर मंजूरी दे दी। यह फैसला 52-48 मतों के अंतर से लिया गया। केवल एक रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल ने तुलसी के खिलाफ मतदान किया। कई रिपब्लिकन नेताओं ने शुरुआत में तुलसी गबार्ड की नियुक्ति पर संदेह जताया था। रूस को लेकर उनके पहले के बयानों और अपदस्थ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद से उनकी मुलाकात को लेकर विवाद हुआ था।
18 अलग-अलग खुफिया एजेंसियों के साथ काम करेंगी तुलसी
तुलसी अब अमेरिका की 18 अलग-अलग खुफिया एजेंसियों की समन्वयक के तौर पर काम करेंगी। उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव कर रहे हैं। गबार्ड ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा, मैं इस देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करूंगी। हमारा उद्देश्य पारदर्शिता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति अमेरिकी खुफिया समुदाय में बड़ा बदलाव ला सकती है, खासकर विदेश नीतियों और साइबर सुरक्षा मामलों में। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इन चुनौतियों से कैसे निपटती हैं।
तुलसी अमेरिकी सेना में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं
आपको बता दें कि गबार्ड पूर्व आर्मी रिजर्व लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। डेमोक्रेटिक खेमे से अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रहीं गबार्ड ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बतौर उम्मीदवार अपनी किस्मत भी आजमाई थी। पिछले साल ट्रंप से जुड़ने वाली तुलसी गबार्ड कई मौकों पर कह चुकी हैं कि हजारों खुफिया कर्मी “डीप स्टेट” के सदस्य हैं। अब तुलसी उनकी जिम्मेदारी संभालेंगी।
डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद का दावा कर चुकी हैं
तुलसी गबार्ड का भारत से कोई संबंध नहीं है, लेकिन उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था, जिसके चलते उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिंदू धर्म से ही रखे हैं। तुलसी गबार्ड भी हिंदू धर्म में आस्था रखती हैं। जब उन्होंने संसद में शपथ ली तो उन्होंने भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। साल 2020 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की थी। हालांकि, पर्याप्त समर्थन न मिलने के बाद उन्हें अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी थी।
कमला हैरिस के खिलाफ प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए ट्रंप को किया गया था तैयार
जब डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी, तो तुलसी गबार्ड ने ही ट्रंप को तैयार किया था। इसकी वजह यह थी कि जब साल 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से तुलसी गबार्ड ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की थी, उस समय कमला हैरिस भी दावेदारों की रेस में थीं। पार्टी में तुलसी गबार्ड और कमला हैरिस के बीच अंदरूनी बहस हुई थी, जिसमें तुलसी गबार्ड ने बाजी मार ली थी। तुलसी गबार्ड ने अपने जवाब से कमला हैरिस को चुप करा दिया था। यही वजह थी कि जब ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बहस होनी थी, तो ट्रंप को तैयार करने वाले प्रमुख लोगों में तुलसी गबार्ड भी शामिल थीं।
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