India News (इंडिया न्यूज), US Stock Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान अमेरिका के लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार अब खून के आंसू रो रहा है। शुक्रवार को अमेरिका के सभी बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। डाउ, नैस्डैक और एसएंडपी 500 ने इंट्राडे में अपना सबसे निचला स्तर छुआ। 3 अप्रैल को अमेरिकी शेयर बाजार को 2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 168 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ और शुक्रवार को भी निवेशकों को 160 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यानी सिर्फ दो दिन में निवेशकों को 328 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
अमेरिकी शेयर मार्केट में आया भूचाल
डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 5.50 फीसदी गिरकर 38314 पर आ गया। नैस्डैक कंपोजिट भी 5.82 फीसदी की गिरावट के साथ 15587 पर कारोबार कर रहा था। एसएंडपी 500 करीब 6 फीसदी की गिरावट के साथ 5074 पर कारोबार कर रहा है। इससे व्यापार युद्ध शुरू होने का खतरा बढ़ गया है और निवेशक अमेरिकी बाजार में और गिरावट के डर से उन्माद में बिकवाली कर रहे हैं। टेक कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। चिप निर्माता एनवीडिया के शेयरों में 7.36 फीसदी और आईफोन निर्माता एप्पल के शेयरों में 7.29 फीसदी की गिरावट आई।
जेरोम पॉवेल की टिप्पणी से डरे कारोबारी
चीन द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा से पहले से ही डरा हुआ बाजार यूएस फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों से और भी डरा हुआ है। पॉवेल ने कहा कि टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि फेड फिलहाल ब्याज दरों में कटौती के मूड में नहीं है। बाजार के निवेशक इस साल अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। पॉवेल का बयान उनके लिए किसी झटके से कम नहीं है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने पॉवेल से ब्याज दरों में तुरंत कमी करने को कहा है। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने पॉवेल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ब्याज दरों में कटौती करने का यह सही समय है, लेकिन पॉवेल हमेशा देर से आते हैं। ट्रम्प ने अमेरिकी फेड चेयरमैन से राजनीति को किनारे रखकर ब्याज दरें कम करने को कहा।
चीन की घोषणा से मचा बवाल
4 अप्रैल को चीन ने घोषणा की कि वह 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी आयातों पर अतिरिक्त 34% टैरिफ लगाएगा। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को की गई टैरिफ घोषणा का जवाब है। चीन ने यह भी कहा कि वह अमेरिका को सैमरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्ट्रोपियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यिट्रियम जैसे मध्यम और भारी दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात को और नियंत्रित करेगा। इन टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता जताई है, जिससे निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों (जैसे सरकारी बॉन्ड) की ओर भाग रहे हैं।
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