India News (इंडिया न्यूज़), Vladimir Putin, दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विदेश जाने वाले है। वैसे तो की किसी राष्ट्रध्यक्ष का विदेश जाने कोई बड़ी बात नहीं होती। लेकिन जब सामने नाम पुतिन का लिखा हो तो यह बड़ी बात जरूर होती है। यूक्रेन यूद्ध के बाद कथित युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जब से वारंट जारी हुआ, पुतिन किसी देश की यात्रा पर नहीं गए।

  • मार्च में निकाला था वारंट
  • चीन का करेंगे दौरा
  • जी-20 की बैठक में हिस्सा नहीं

ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद क्रेमलिन बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए रूसी राष्ट्रपति की चीन यात्रा की तैयारी कर रहा है।

मार्च के बाद पहली यात्रा

मार्च में अदालत की तरफ से पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किया गया था जब से वह देश के बाहर नहीं गए है। युद्ध अपराधों पर रोम क़ानून पर हस्ताक्षर करने वाले क्षेत्र में कदम रखने पर पुतिन को गिरफ़्तारी हो सकती है। पुतिन ब्रिक्स सम्मलेन में भी नहीं गए थे क्योंकि दक्षिण अफ्रीका को इंटरनेशनल कोर्ट के कानून के तहत पुतिन को गिरफ्तार करना पड़ता।

जी-20 में हिस्सा नहीं लेंगे

पुतिन ने सितंबर में नई दिल्ली में आगामी जी20 शिखर सम्मेलन भी भाग लेने से इनकार कर दिया, हालांकि भारत आईसीसी पर हस्ताक्षर करने वाला देश नहीं है। कोर्ट की तऱफ अदालत ने यूक्रेन से रूस में बच्चों के जबरन निर्वासन के संबंध में रूसी राष्ट्रपति और बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की आयुक्त मारिया अलेक्सेयेवना लावोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जहां कई बच्चों को रूसी परिवारों द्वारा गोद लिया गया है।

2016 में रूस पीछे हटा

अदालत की स्थापना करने वाले रोम क़ानून के तहत आबादी के जबरन निर्वासन को एक अपराध के रूप में मान्यता दी गई है। रूस ने रोम कानून पर साइन किया था, लेकिन 2016 में यह कहते हुए पीछे हट गया कि वह अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है। हालाँकि यूक्रेन खुद भी रोम कानून का साइन नहीं करता है, लेकिन उसने अपने क्षेत्र में किए गए युद्ध अपराधों की जांच के लिए आईसीसी को अधिकार क्षेत्र प्रदान किया है।

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