India News (इंडिया न्यूज), Sri Lanka Elections: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शनिवार को शाम 4 बजे संपन्न हो गया है। 1.7 करोड़ वोटरों में से करीब 75 फीसदी लोगों ने अपने नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट डाल दिया है। अंतिम नतीजे रविवार को आने की उम्मीद है। साल 2022 के जन विद्रोह के बाद पहली बार श्रीलंका में लोगों ने वोट डाला है। हम आपको बता दें कि श्रीलंका अपना विदेशी कर्ज चुकाने में चूक गया है। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राजपक्षे का स्थान लिया था और श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पद संभालने के बाद से लगातार काम कर रहे हैं। वो इस बार के चुनाव में मैदान में हैं। उनका मुकाबला जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालवेगया (SJB) पार्टी के सजित प्रेमदासा से है। 

लगभग 75 प्रतिशत हुआ मतदान

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने लेटेस्ट रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मतदान केंद्र शाम 4 बजे बंद हो गए। आंकड़ों के मुताबिक लगभग 70 से 75 फीसदी मतदान हुआ है। श्रीलंका का यह चुनाव इसलिए भी बहुत जरुरी है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद के बावजूद देश अभी भी आर्थिक संकट से बाहर नहीं निकल पाया है। हम आपको बता देना चाहते हैं कि  श्रीलंका में इस समय आर्थिक संकट सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। जिससे अन्य मुद्दे काफी पीछे छूट गए हैं। ये किसी भी देश के लिए बहुत जरुरी है कि वो अपने देश के आर्थिक और जरुरी मुद्दे पर वोट करें। 

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इस बार के चुनाव में लग रहा है त्रिकोणीय मुकाबला

इस बार श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होता हुआ नजर आ रहा है। इस बार के चुनाव में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। तो वहीं विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा और वामपंथी लेनिनवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के अलावा 35 अन्य उम्मीदवार भी मैदान में थे। लेकिन मुख्य मुकाबला 3 उम्मीदवारों के बीच होता हुआ नजर आ रहा है। अगर हम श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में आए बदलाव की बात करें तो यह देखना बाकी है कि ग्रामीण जनता जो कभी महिंदा राजपक्षे के साथ खड़ी थी। इस बार कैसे वोट करेगी। इस चुनाव का परिणाम श्रीलंका के भविष्य को तय करेगा। 

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